

देश भर में होली का शुभारंभ हो गया है। होली भारतीय सांस्कृतिक त्योहारों में से एक है जो फागुन मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली से पहले देश भर में लोग होलिका दहन की तैयारियों में जुट गए हैं।
नई दिल्ली: होली एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो भारत में वसंत ऋतु के आगमन के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार रंगों का उत्सव है, जिसमें लोग एक-दूसरे पर अबीर और गुलाल लगाते हैं, खुशियां मनाते हैं और मिठाईयां बांटते हैं।
होली का महत्व भावनात्मक, सामाजिक और धार्मिक होता है, जो समृद्धि, खुशी, एकता और प्रेम का प्रतीक है। होली से पूर्व मनाए जाने वाले पर्व होलिका दहन के बारे में जानिये कुछ खास बातें
होलिका दहन शुभ मुहूर्त 2024
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक होलिका दहन की तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी और समापन 25 मार्च यानी कल दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगी। होलिका दहन बहुत उत्साह और रंगों के साथ मनाया जाता है।
होलिका दहन के लोग एकत्र होकर होलिका जला कर अपने अंदर की बुराई को भी जलाकर नष्ट कर देते हैं।
होलिका दहन क्यों मनाया जाता है
होलिका दहन कथा हिन्दू धर्म की प्रमुख कथाओं में से एक है। इसका महत्व होली पर्व के त्योहार से है। कथा के अनुसार, प्रह्लाद नामक बच्चा भगवान विष्णु का भक्त था, लेकिन उनके पिता हिरण्यकश्यप राजा विष्णु के भक्ति को बर्दाश्त नहीं करते थे। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान मिला था कि वह आग में नहीं जल सकती थी।
हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को उसके साथ आग में बैठाया, लेकिन अंत में होलिका ही जलकर मर गई जबकि प्रह्लाद सुरक्षित रहे। इसलिए हर साल होली के पहले दिन पर होलिका दहन का उत्सव मनाया जाता है, जिसमें आग को जलाकर भगवान की जीत का संदेश दिया जाता है।