उच्च न्यायालय ने वन विभाग को असोला भाटी अभयारण्य के अंदर कार्यक्रम आयोजित करने से रोका
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को वन विभाग को इस महीने के अंत में यहां दक्षिणी रिज क्षेत्र के असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य के अंदर ‘वॉक विद वाइल्डलाइफ’ कार्यक्रम आयोजित करने से रोक दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को वन विभाग को इस महीने के अंत में यहां दक्षिणी रिज क्षेत्र के असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य के अंदर ‘वॉक विद वाइल्डलाइफ’ कार्यक्रम आयोजित करने से रोक दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक आयोजन से संबंधित मुद्दों में नौ और 10 दिसंबर को आयोजित होने वाला ‘वॉकथॉन’ भी शामिल था। इन मुद्दों को रिज के संरक्षण और वहां से अतिक्रमण हटाने से संबंधित मामले में नियुक्त न्यायमित्र ने पिछले सप्ताह अदालत के समक्ष उठाया था।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने मंगलवार को इस मुद्दे पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिवादियों को अगले आदेश तक प्रस्तावित कार्यक्रम आयोजित करने से रोका जाता है।’’
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न्यायमित्र अधिवक्ता गौतम नारायण और आदित्य एन प्रसाद ने दलील दी थी कि असोला भाटी के अंदर कोई मानवीय गतिविधि नहीं हो सकती है क्योंकि यह वन्यजीवों वाला एक संरक्षित क्षेत्र है और कार्यक्रम आयोजित करने की मंजूरी बिना सोचे समझे दे दी गई।
सरकारी वकील ने अदालत को आश्वासन दिया था कि निर्णय मानदंडों का अनुपालन करते हुए लिया गया था और इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को अभयारण्य में वनस्पतियों और जीवों से परिचित कराना था।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सिंह ने अभयारण्य के अंदर लोगों की सुरक्षा के संबंध में भी चिंता व्यक्त की जिसमें लगभग नौ तेंदुओं के साथ-साथ लकड़बग्घे और सियार जैसे अन्य जानवर रहते हैं। इसके बाद अदालत ने दोनों पक्षों के वकील की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था।
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