Health News: बच्चों की आँखों पर मंडरा रहा खतरा, अब किस बीमारी का सता रहा डर; जानें कैसे करें बचाव

स्वास्थ रहना सबके लिए बहुत ही जरुरी है। ऐसे में WHO ने अपनी एक रिपोर्ट में हर किसी को अलर्ट किया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 7 April 2025, 1:47 PM IST
google-preferred

नई दिल्ली: हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है, जो न सिर्फ डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स के लिए अहम है, बल्कि आम लोगों के लिए भी सेहत सबसे बड़ी पूंजी होती है। इस मौके पर एक ऐसी आंखों की बीमारी की बात कर रहे हैं जो बच्चों में तेजी से बढ़ रही है और चिंता का विषय बन चुकी है। इस बीमारी का नाम मायोपिया (Myopia) है।

क्या है मायोपिया?

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मायोपिया यानी निकट दृष्टि दोष एक आंखों की समस्या है जिसमें दूर की चीजें धुंधली नजर आती हैं। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर समय रहते इसे नजरअंदाज किया गया, तो 2050 तक दुनिया की लगभग 52% आबादी इस समस्या से जूझ सकती है।

कोविड के बाद बढ़ा खतरा

कोविड महामारी के दौरान बच्चों की आंखों पर स्क्रीन टाइम का गहरा असर पड़ा। ऑनलाइन क्लासेस, मोबाइल गेम्स और लगातार स्क्रीन पर समय बिताने से मायोपिया के मामले तेजी से बढ़े। साल 2000 में जहां 3-4 प्रतिशत ही इस बीमारी से प्रभावित थे, वहीं 2022 तक यह आंकड़ा 20% तक पहुंच गया।

मायोपिया के प्रमुख लक्षण

  • दूर की चीजें न दिखना
  • आंखों में थकावट और तनाव
  •  लगातार सिरदर्द
  •  फोकस और अटेंशन में कमी

क्यों होता है मायोपिया?

आज के बच्चे आउटडोर एक्टिविटीज से दूर और स्क्रीन के बेहद करीब होते जा रहे हैं। माता-पिता भी बच्चों को मोबाइल में व्यस्त रखने लगे हैं। मायोपिया एक हद तक वंशानुगत भी हो सकता है, लेकिन बदलती लाइफस्टाइल, कम प्राकृतिक रोशनी और बढ़ा हुआ स्क्रीन टाइम इसके बड़े कारण हैं। शोधों से यह भी पता चला है कि सूरज की रोशनी (UV light) आंखों में डोपामाइन का रिसाव बढ़ाती है, जिससे आंखों का आकार सामान्य बना रहता है।

कैसे करें बचाव?

बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करें
हर दिन आउटडोर एक्टिविटीज में भाग लेने दें
किताबें या स्क्रीन आंखों से बहुत पास न रखें
एंटी-ग्लेयर चश्मा या ब्लू लाइट कट लेंस का इस्तेमाल करें
विटामिन A और C से भरपूर खाद्य पदार्थ खिलाएं
हरे-भरे वातावरण में समय बिताने की आदत डालें

Published :