Happy Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्र के पहले दिन आज देवी शैलपुत्री की पूजा, जानिये आज के व्रत का महत्व और पूजा विधान, होगा इन दोषों का निवारण

आज से चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों का पावन पर्व शुरू हो गया है। नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है। डाइनामाइट न्यूज़ पर इस व्रत का महत्व और विधान

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 2 April 2022, 10:37 AM IST
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नई दिल्ली: आज से चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों का पावन पर्व नवरात्र शुरू हो गया है। नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ विभिन्न स्वरूपों की पूजा की है। इस पावन पर्व की शुरूआत मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चाना के साथ की जाती है। यानी नवरात्र का पहला दिन मां शैलपुत्री का होता है। 

मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की बेटी है, इसलिए उनका शैलपुत्री है जिसका मतलब होता है पर्वत की बेटी। मां शैलपुत्री की साधना करने से कुंडली से जुड़ा चंद्र दोष और उससे होने वाली सभी परेशानियां दूर हो जाती है। 

अपने मस्तक पर चंद्रमा धारण करने वाली माता शैलपुत्री का स्वरूप अत्यंत शांतप्रिय होता है। मान्यता है कि नावरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की विधि-विधान से साधना-आराधना करने पर मनुष्य के जीवन से चंद्रमा से जुड़े सभी प्रकार के दुष्प्रभाव दूर हो जाते है। मां शैलपुत्री का व्रत करने से मानसिक समस्याएं भी दूर हो जाती है। ऐसी माना जाता है कि मां शैलपुत्री की पूजा का फल वृषभ राशि वाले लोगों को ज्यादा मिलता है, क्योंकि मां शैलपुत्री की सवारी बैल है, जिसे वृषभ भी कहा जाता है।      

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा हमेशा गाय के घी से करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस तरह से मां शैलपुत्री की पूजा करने से साधक के जीवन से जुड़ी सभी परेशानियां और मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। मां शैलपुत्री के आशीर्वाद की वजह से साधक को पूरी जिंदगी किसी भी तरह के रोग और शोक से कोई डर नहीं होता है। 

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