Gujarat: खाने को लेकर विवाद, दलित व्यक्ति की पिटाई से मौत, मेवाणी ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की
गुजरात के महिसागर जिले में अगड़ी जाति के एक होटल मालिक और उसके कर्मचारी ने कहासुनी के बाद एक दलित व्यक्ति की कथित तौर पर पिटाई कर दी, जिससे उसकी मौत हो गई। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
वड़ोदरा: गुजरात के महिसागर जिले में अगड़ी जाति के एक होटल मालिक और उसके कर्मचारी ने कहासुनी के बाद एक दलित व्यक्ति की कथित तौर पर पिटाई कर दी, जिससे उसकी मौत हो गई। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि कहासुनी के दौरान होटल मालिक और उसके कर्मचारी ने दलित व्यक्ति के खिलाफ कथित तौर पर जातिसूचक टिप्पणियां भी कीं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बाकोर पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया कि राजू वांकर (45) की घटना के दो दिन बाद शुक्रवार रात वड़ोदरा के एक सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
दलित नेता एवं कांग्रेस पार्टी के विधायक जिग्नेश मेवाणी ने आरोपियों को ‘‘जातिवादी गुंडा’’ करार देते हुए उन्हें तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की।
आरोपियों की गिरफ्तारी न होने की सूरत में मेवाणी ने प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी।
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प्राथमिकी के मुताबिक, “ऑटोरिक्शा चालक वांकर सात जून को खाना खाने के लिए होटल पहुंचा था। भोजन के बाद उसने होटल कर्मियों से घर ले जाने के लिए खाना पैक करने को भी कहा।”
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, जब वांकर ने यह कहते हुए पैक किए गए खाने की मात्रा पर आपत्ति जताई कि यह उसके द्वारा चुकाई गई राशि के मुकाबले काफी कम है, तो दोनों आरोपी उससे लड़ने लगे और उसके खिलाफ जातिसूचक टिप्पणियां करने लगे। इसके बाद उन्होंने वांकर की पिटाई कर दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।”
पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, वांकर होटल से घर लौटा और परिजनों को घटना के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि रात में वांकर ने पेट में जबरदस्त दर्द होने की शिकायत की, जिसके बाद उसकी पत्नी उसे महिसागर के सरकारी अस्पताल ले गई।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, वांकर को बाद में पंचमहल जिले के गोधरा शहर के एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां से उसे वड़ोदरा के एसएसजी अस्पताल ले जाया गया।
अधिकारी ने बताया कि एसएसजी अस्पताल में वांकर का ऑपरेशन किया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
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उन्होंने कहा कि दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (किसी को उकसाने के लिए जानबूझकर उसका अपमान करना), 506 (2) (आपराधिक धमकी) और 114 (अपराध के दौरान उसके लिए उकसाना) के अलावा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि बांकर की मौत के बाद मामले में भादंसं की धारा 302 (हत्या) भी जोड़ दी गई है।
इस बीच, जिग्नेश मेवाणी ने दलित व्यक्ति की मौत को लेकर विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया और आरोप लगाया कि उसकी मौत ‘‘जातिवादी गुंडों’’ की पिटाई के कारण हुई, जिससे उसका लिवर खराब हो गया।
मेवाणी ने कहा कि वह आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब तक दोनों आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।