छोटे और मझोले कारोबारियों को बड़ी राहत, हर माह नहीं भरना पड़ेगा रिटर्न

डीएन ब्यूरो

जीएसटी काउंसिल की 22वीं बैठक में छोटे और मझोले कारोबारियों को बड़ी राहत दी गयी है। 90 फीसदी कारोबारियों को हर महीने जीएसटी रिटर्न दाखिल करे की झंझट से भी मुक्ति मिल गयी है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली


नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आयोजित जीएसटी काउंसिल की 22वीं बैठक में छोटे और मझोले कारोबारियों को बड़ी राहत दी गयी है। 90 फीसदी कारोबारियों को हर महीने जीएसटी रिटर्न दाखिल करे की झंझट से भी मुक्ति मिल गयी है। नकदी के संकट से जूझ रहे निर्यातकों को भी इस बैठक में बड़ी राहत देने का निर्णय लिया गया।

जीएसटी काउंसिल ने छोटे और मझोले कारोबारियों को राहत देते हुए कंपोजीशन स्कीम की मौजूदा सालाना सीमा 75 लाख रुपये के टर्नओवर को बढ़ाकर एक करोड़ रुपये सालाना कर दिया है। डेढ़ करोड़ रुपये सालाना तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए हर माह रिटर्न दाखिल करने की बाध्यता भी खत्म की गयी है। ये कारोबारी अब तीन माह में एक बार रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। कंपोजीशन स्कीम के तहत जुलाई-सितंबर की तिमाही का रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 नवंबर कर दी गयी है। स्कीम के तहत पंजीकृत व्यापारी एडवांस लेते हैं तो अब इस पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा।

यह भी पढ़ें | राहुल गांधी: अभी हम खुश नहीं, जीएसटी में स्ट्रक्चरल बदलाव किये जाएं

 

जीएसटी काउंसिल द्वारा लिये गये बड़े फैसले

यह भी पढ़ें | जीएसटी काउंसिल की बैठक, मिल सकती है कई राहतें

•   कंपोजीशन स्कीम की सीमा 75 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये की गयी
•   अगले मार्च से ई-वॉलेट व्यवस्था की जायेगी लागू
•   डेढ़ करोड़ तक के सालाना कारोबार वालों भरना होगा तिमाही रिटर्न
•   निर्यातकों की भी कई दिक्कतें दूर 
•   27 वस्तुओं व कई सेवाओं पर टैक्स घटाया गया 
•   ईवे बिल अप्रैल 2018 से पूरे देश में होगा लागू
•   रेस्त्रां में खाने पर जीएसटी दर तय करने के लिए मंत्रिसमूह भी गठित करने का निर्णय 
•   सीजीएसटी कानून की धारा को 31 मार्च 2018 तक लागू न करने का निर्णय
•    ई-वे बिल व्यवस्था अलग-अलग राज्यों में एक जनवरी 2018 से
•   घरेलू निर्माताओं से निर्यात के लिए माल खरीदने वाले निर्यातकों को 0.1 प्रतिशत की दर से मामूली जीएसटी का भुगतान करना होगा

 










संबंधित समाचार