जाति जनगणना पर सरकार मौन, केंद्र में आए तो ओबीसी महिलाओं की भागीदारी के साथ आरक्षण लागू करेंगे: खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर जाति आधारित जनगणना के विषय पर मौन रहने का आरोप लगाया और कहा कि कल्याणकारी योजनाओं में उचित सहभागिता के लिए यह जरूरी है कि कमजोर तबकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति के आंकड़े उपलब्ध हों। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर जाति आधारित जनगणना के विषय पर मौन रहने का आरोप लगाया और कहा कि कल्याणकारी योजनाओं में उचित सहभागिता के लिए यह जरूरी है कि कमजोर तबकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति के आंकड़े उपलब्ध हों।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी नेताओं से राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनावों के लिए प्रभावी रणनीति बनाने पर जोर दिया और कहा कि राजनीतिक दलों के साथ ही संवैधानिक पदों पर बैठे लोग भी सक्रिय हैं, ऐसे में खामोश नहीं रहा जा सकता।
कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार पर प्रचार एवं वोटबैंक की राजनीति के लिए महिला आरक्षण विधेयक लाने तथा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की महिलाओं को प्रतिनिधित्व नहीं देने का आरोप लगाया और कहा कि अगले साल सत्ता में आने पर उनकी पार्टी ओबीसी महिलाओं की उचित भागीदारी के साथ लोकसभा एवं विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व से संबंधित महिला आरक्षण लागू करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने सामूहिक रूप से देश को विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की राजनीति से मुक्त करने, सामाजिक न्याय की स्थापना और एक जवाबदेह, संवेदनशील और पारदर्शी सरकार देने का संकल्प लिया है।’’
खरगे ने कहा, ‘‘आप ने देखा कि हाल में अचानक संसद का विशेष सत्र बुलाया गया जिसमें मोदी सरकार महिला आरक्षण विधेयक लेकर आई। हमेशा की तरह इस बार भी सरकार ने विपक्ष के साथ कोई संवाद नहीं किया और असली मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने की रणनीति पर ही काम किया।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दलों ने खुले दिल से महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन किया।
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खरगे के अनुसार, ‘‘मोदीजी चाहते तो महिला आरक्षण इसी चुनाव से लागू हो सकता था। और ओबीसी महिलाओं को भी स्थान मिल सकता था। यह विधेयक केवल प्रचार और वोट बैंक के लिए लाया गया है।’’
उन्होंने कहा कि आज देश भर में लोग यही सोच रहे हैं कि मोदीजी ने ओबीसी महिलाओं को महिला आरक्षण के दायरे में क्यों नहीं रखा?
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘महिला आरक्षण को उलझाने के लिए इसके साथ जनगणना और परिसीमन की शर्त क्यों रख दी गयी? इसीलिए पता ही नहीं है कि यह विधेयक हकीकत कब बनेगा ?’’
उन्होंने कहा, ‘‘जातिगत जनगणना भी एक अहम सवाल है। कांग्रेस पार्टी लगातार देशव्यापी जाति आधारित जनगणना की मांग उठा रही है। यह अहम मुद्दा है लेकिन इस पर सत्तारूढ़ दल मौन है। कल्याणकारी योजनाओं में उचित सहभागिता के लिए यह जरूरी है कि हमारे पास कमजोर तबकों की स्थिति पर सामाजिक-आर्थिक आंकड़ा हो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए इन चिंताओं को आम लोगों तक पहुंचाना जरूरी है। 2024 में सत्ता में आने पर ओबीसी महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी तय करने के साथ हम महिला आरक्षण तुरंत लागू करेंगे।’’
आगामी विधानसभा चुनावों का उल्लेख करते हुए खरगे ने कहा, ‘‘अब हमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनावों के लिए प्रभावी रणनीति बनानी है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ इन राज्यों में प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री कई महीनों से दौरा कर रहे हैं। झूठ दर झूठ फ़ैला रहे हैं। उनके पास केवल मणिपुर जाने का समय नहीं है।’’
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खरगे ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव भी हमारे सामने हैं। इसी बीच जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनावों का ऐलान हो सकता है। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में निर्णायक जीत के बाद देश भर में हमारे साथियों में एक नया उत्साह है। हमें अपनी पूरी ताकत लगा कर सभी 5 राज्यों को जीतना है।’’
उन्होंने दावा किया कि भाजपा को आगामी चुनाव में अपनी हालत का अंदाजा हो चुका है, इसीलिए वह लोगों को मुद्दों से भटकाने के लिए झूठ पर झूठ बोल रही है।
खरगे ने विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषणों से इस गठबंधन की शक्ति का असर साफ दिख रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ आज देश में कमरतोड़ महंगाई है, 45 साल में सबसे अधिक बेरोजगारी है, नयी पेंशन स्कीम को लेकर सरकारी कर्मचारियों में भारी नाराजगी को सरकार नजरंदाज कर रही है, विभाजनकारी नीतियां देश के लिए चिंताजनक हैं, ईडी, सीबीआई, आयकर जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग विपक्षी दलों और मीडिया के खिलाफ हो रहा है।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मणिपुर की हालत पिछले 5 महीने से चिंताजनक बनी हुई है। विपक्ष की मांग के बाद भी प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं गए।’’
उन्होंने दावा किया कि देश के संवैधानिक मूल्यों और संघीय ढांचे पर हमला हो रहा है तथा सामाजिक तनाव पैदा हो रहा है।