Road Projects: नई एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के लिए सरकार कर रही है 4.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सरकार 4.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश से कुल 10,000 किलोमीटर की नये एक्सप्रेसवे परियोजनाओं का निर्माण कर रही है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 4 July 2023, 1:03 PM IST
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नयी दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सरकार 4.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश से कुल 10,000 किलोमीटर की नये एक्सप्रेसवे परियोजनाओं का निर्माण कर रही है।

गडकरी ने कहा कि इन सड़कों का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने वित्तपोषण के विभिन्न साधनों के जरिये 70,000 करोड़ रुपये जुटाये हैं। इस राशि का उपयोग राजमार्ग परियोजनाओं के लिये किया जाएगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, गडकरी ने भारतीय प्रबंध संस्थान-कोझिकोड (आईआईएम कोझिकोड) के ‘बुनियादी ढांचा वित्तपोषण को लेकर प्रबंधन विकास कार्यक्रम’ पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘सरकार ने देशभर में 65,000 किलोमीटर राजमार्ग विकास को लेकर भारतमाला परियोजना की परिकल्पना की है। पहले चरण में सड़क नेटवर्क 34,800 किलोमीटर है... हम 4.5 लाख करोड़ रुपये की लागत से 10,000 किलोमीटर के नये एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रहे हैं।’’

मंत्री ने कहा कि देश में कुल राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क 2014 में 91,000 किलोमीटर था जो अब बढ़कर 1.45 लाख किलोमीटर हो गया है।

गडकरी ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचा पाइपलाइन और पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के जरिये अर्थव्यवस्था को गति दे रही है।

इन कार्यक्रमों से देश में एकीकृत और समग्र विकास सुनिश्चित होगा। साथ ही लागत और समय की बचत होगी क्योंकि ये बुनियादी ढांचा परियोजनाएं दूरदराज के क्षेत्रों को जोड़ेंगी।

मंत्री ने कहा, ‘‘बुनियादी ढांचे में निवेश के लिये संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाना महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना (संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने की योजना) में एनएचएआई की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत है। हम वास्तव में राष्ट्रीय राजमार्गों के मौद्रीकरण के लिये कई मॉडल को आगे बढ़ा रहे हैं। इसमें टीओटी (टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर), इनविट (बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट) और परियोजना आधारित वित्तपोषण शामिल है।’’

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