प्रवासी आदिवासी आबादी के लिए खुशखबरी, अब मिलेगी ये खास सुविधा
केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों ने विभिन्न जिलों से पशुओं और प्रवासी आदिवासी परिवारों के वास्ते जम्मू-कश्मीर में पहाड़ी चरागाहों के लिए 100 ट्रकों के बेड़े को हरी झंडी दिखाई। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
जम्मू: केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों ने रविवार को विभिन्न जिलों से पशुओं और प्रवासी आदिवासी परिवारों के वास्ते जम्मू-कश्मीर में पहाड़ी चरागाहों के लिए 100 ट्रकों के बेड़े को हरी झंडी दिखाई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि ट्रकों को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और मुगल रोड दोनों पर तैनात किया गया, जो जम्मू में पुंछ और राजौरी के जुड़वां सीमावर्ती जिलों को दक्षिण कश्मीर के शोपियां से जोड़ने वाला एक वैकल्पिक मार्ग है।
यह भी पढ़ें |
दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बना भारत, घटते संसाधनों को लेकर भी उठे सवाल
उन्होंने बताया कि जनजातीय मामलों के विभाग द्वारा महत्वपूर्ण सड़कों पर सुचारू यातायात प्रबंधन सुनिश्चित करने के अलावा 20-30 दिनों की पैदल यात्रा के समय को घटाकर एक-दो दिन करने के लिए परिवहन व्यवस्था की गई।
जनजातीय मामलों के विभाग के सचिव शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा प्रवासी आदिवासी आबादी को परिवहन सहायता और पारगमन सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
यह भी पढ़ें |
जम्मू-कश्मीर को लेकर आई ये बड़ी खुशखबरी, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
उन्होंने कहा, “मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता द्वारा परिवहन सुविधाओं को सुनिश्चित करने और राष्ट्रीय राजमार्ग और मुगल रोड पर 100 प्रतिशत प्रवासी आबादी को सुविधाओं के अंतर्गत लाने के निर्देश भी जारी किए गए।”