

भारत के पहले ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ (आरआरटीएस) के उद्घाटन के साथ ही रेल उपकरण निर्माता कंपनी एल्सटॉम ने एकीकृत प्लेटफॉर्म स्क्रीनिंग दरवाजों के साथ अपनी आधुनिक सिग्नल प्रणाली की वैश्विक शुरुआत की है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: भारत के पहले 'रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम' (आरआरटीएस) के उद्घाटन के साथ ही रेल उपकरण निर्माता कंपनी एल्सटॉम ने एकीकृत प्लेटफॉर्म स्क्रीनिंग दरवाजों के साथ अपनी आधुनिक सिग्नल प्रणाली की वैश्विक शुरुआत की है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस के 17 किलोमीटर लंबे मार्ग पर पहली नमो भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी।
एल्सटॉम-इंडिया ने एक बयान में कहा, 'यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण (ईटीसीएस) सिग्नलिंग प्रणाली न केवल अंतर-संचालन की सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि मौजूदा बुनियादी ढांचे के अधिकतम उपयोग की भी अनुमति देगी, जिससे यात्रियों को कम इंतजार करना पडेगा।'
बयान के मुताबिक, यह सिग्नलिंग प्रणाली मानवीय भूल के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को खत्म करने के लिए 'वर्चुअल ब्लॉक कार्यान्वयन' '(हाइब्रिड लेवल -3)' द्वारा 180 सेकेंड के अंतराल पर चलने वाली ट्रेनों के लिए उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करती है।
आरआरटीएस एक नई रेल-आधारित, सेमी-हाई-स्पीड, हाई-फ्रीक्वेंसी कम्यूटर ट्रांजिट प्रणाली है जिसे 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के साथ डिजाइन किया गया है तथा इसकी परिचालन गति क्षमता 160 किमी प्रति घंटे है।
ईटीसीएस, आरआरटीएस ट्रेन के साथ लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) संचार का उपयोग करता है और इसका निर्माण भी एल्सटॉम द्वारा किया गया है।
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