क्या कभी हो पाएगा मुन्ना बजरंगी की हत्या का खुलासा?

डीएन ब्यूरो

बागपत जेल में हुई मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में जिस तरह के नये तथ्य सामने आ रहे है, उसने पुलिस के जांच के तरीकों पर सवाल खड़े कर दिये है। नये खुलासों से यह सवाल उठने लगा कि क्या कभी मुन्ना बजरंगी की हत्या का खुलासा हो सकेगा? डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

फाइल फोटो
फाइल फोटो


आगराः क्या पुलिस और जांच एजेंसियां पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या का खुलासा कर सकेंगे? यह सवाल हर किसी के जेहन में उठ रहा है। इस मामले में जिस तरह से नयी-नयी बातें सामने आ रही है, उसने पुलिस की जांच के तरीकों और पेश सबूतों को शक के दायरे में ला खड़ा कर दिया है। इस मामले ने फिर एक और नया मोड़ आ गया है। हत्या में प्रयुक्त जिस असलहा को पुलिस ने सबूत के तौर पर पेश किया वह गलत पाया गया। मतलब कि हत्या किसी अन्य असलहा से की गयी थी। 

 

 

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जांच मे नई चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि बागपत की जिस जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या में जो पिस्तौल इस्तेमाल की गई थी, वह दूसरी थी। फॉरेंसिक जांच के लिए पुलिस ने जो पिस्तौल भेजी थी, उसका बोर मौका-ए-वारदात से बरामद हुए कारतूसों से अलग है।   

मामले में नया मोड़ आने के बाद अब फॉरेंसिक टीम शव से बरामद की गई गोलियों के आधार पर इसका विस्तृत परीक्षण कर रही है। बता दें कि पश्चिमी यूपी के बदमाश सुनील राठी ने 9 जुलाई को बागपत जेल में डॉन मुन्ना बजरंगी को गोलियों से ताबड़तोड़ छलनी कर दिया था।  

जिस पिस्तौल से बजरंगी को गोलियां मारी गई थी जब उसे फॉरेंसिक जांच के लिए आगरा लैब भेजा गया तो वहां छह वैज्ञानिकों की टीम ने कमेटी बनाई और जब इसकी जांच हुई तो पता चला कि हत्या में इस्तेमाल किया गया था हथियार दूसरा था।  

 

 

वैज्ञानिकों के मुताबिक जांच के लिए भेजी गई पिस्तौल और घटनास्थल से बरामद हुए कारतूस के खाली खोखों का बोर मैच नहीं करता है। अब इससे एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली पर यह सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर जेल के अंदर यह लापरवाही कैसे हुई और राठी ने जिस पिस्तौल से बजरंगी की हत्या की वह उसके पास जेल के अंदर कैसे पहुंची। फिलहाल मामले में नया मोड़ आने के बाद इसकी जांच चल रही है।










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