भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल संतोष हेगड़े का राजनीति का लेकर बड़ा बयान, जानिये क्या कहा स्वतंत्रता दिवस पर

डीएन ब्यूरो

भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल एन संतोष हेगड़े ने देश के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा कि राजनीति अब सेवा नहीं रह गयी, बल्कि सत्ता एवं पैसे का पेशा बन गयी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

पूर्व सॉलिसिटर जनरल संतोष हेगड़े
पूर्व सॉलिसिटर जनरल संतोष हेगड़े


बेंगलुरु: भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल एन संतोष हेगड़े ने देश के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा कि राजनीति अब सेवा नहीं रह गयी, बल्कि सत्ता एवं पैसे का पेशा बन गयी है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने कहा कि दो सामाजिक मूल्यों - संतोष और मानवता को विकसित करने का पूरा प्रयास होना चाहिए ताकि समाज में एकजुटता तथा शांति स्थापित हो सके।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता से पहले देश में कई लोगों ने बिना किसी वित्तीय लाभ के विदेशी शासन के खिलाफ और स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी क्योंकि वे देश से प्यार करते थे, यह एक बलिदान था।

कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त ने कहा कि आजादी के बाद लोग देश की सेवा के लिए राजनीति में आए और कुछ दशकों तक निर्वाचित प्रतिनिधियों को कोई वेतन नहीं मिलता था और केवल उनके वास्तविक खर्चें वहन किए जाते थे।

उन्होंने कहा कि लेकिन 50 वर्ष में प्रशासन का पूरा ढांचा बदल गया है। उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि आज वास्तव में प्रशासन में स्वामी बन गए हैं और प्रशासन उन्हें काफी शक्तियां सौंपता है।

न्यायमूर्ति हेगड़े ने कहा कि पुरानी कहावत है कि ‘‘सत्ता भ्रष्ट करती है और पूर्ण सत्ता पूरी तरह भ्रष्ट करती है’’, यह आज का नारा बन गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति अब सेवा नहीं रह गयी, यह सत्ता और पैसे का पेशा बन गयी है।’’

उन्होंने साथ ही कहा कि आजादी के बाद से देश ने लगभग सभी मोर्चों पर अच्छी-खासी प्रगति की है, लेकिन गांवों का विकास शहरों जितना नहीं हुआ और इसके परिणामस्वरूप गांवों से बहुत ज्यादा विस्थापन हुआ है।

कर्नाटक के पूर्व महाधिवक्ता ने कहा, ‘‘ग्रामीण विकास कृषि पर निर्भर है, अत: ग्रामीण इलाकों के बुनियादी ढांचे के विकास के अलावा खेती से पर्याप्त मौद्रिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अर्थशास्त्र, चिकित्सा और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्रों में हमारे देश की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को दुनियाभर में सराहा जाता है।’’










संबंधित समाचार