राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के बहाने महराजगंज को उजाड़ने का होगा भारी विरोध: सुशील टिबड़ेवाल

शिवेंद्र चतुर्वेदी

फरेन्दा और नौतनवा की तरह महराजगंज नगर के चारों ओर बाई-पास बनाकर ही जाम की समस्या स्थायी तौर पर दूर हो सकती है न कि एनएच के निर्माण से। यदि राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के बहाने नगर को उजाड़ने की कोशिश हुई तो इसका कड़ा विरोध होगा और यह विरोध एक जन आंदोलन की शक्ल अख्तियार करेगा। यह कहना है उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री सुशील कुमार टिबड़ेवाल का। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव..



महराजगंज: उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री सुशील कुमार टिबड़ेवाल ने अपने कैंप कार्यालय पर गुरुवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कहा कि राज्य में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब उन्होंने महराजगंज महायोजना के अंतर्गत नगर के चारों ओर बाई-पास के निर्माण के लिए प्रस्तावित भूमि का चिन्हांकन एवं मूल्यांकन कराकर पत्रावली तैयार करायी थी, जिसे लोक निर्माण विभाग द्वारा शासन को भेज दिया गया था। वित्त विभाग की स्वीकृति के बाद इसे कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति दी जानी थी लेकिन विधान सभा चुनाव के कारण यह मामला वहीं पर रुक गया। आज भी यह पत्रावली स्वीकृति की बाट जोह रही है।

पिछले साल केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी परतावल में आये थे और बाई-पास के नाम पर दस करोड़ की धनराशि अवमुक्त कर रिंग रोड की स्वीकृति का ऐलान किया था और कहा था कि राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण बाईपास  बनाकर ही किया जायेगा। इसके बाद बाईपास का निर्माण शुरु हो जाना चाहिये था लेकिन इसे रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। 

श्री टिबड़ेवाल ने कहा कि महराजगंज कस्बे के बीचों-बीच एनएच के निर्माण के बहाने नगर के अस्तित्व को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। कस्बे में भारी वाहनों के प्रवेश से प्रदूषण की समस्या और ज्यादा गंभीर होगी। जब प्रदेश से लेकर केन्द्र तक भाजपा की सरकार सत्ता में है तब फिर क्यों नहीं बाईपास का निर्माण हो रहा है। इसके लिए सीधे पर भाजपा सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधि जिम्मेदार हैं। 

पूर्व मंत्री ने भिटौली, छपवां और कैंपियरगंज में वाहनों से वसूली के लिए टोल प्लाजा बनाये जाने पर भी गहरी आपत्ति जतायी है।
 










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