जी20 स्वास्थ्य बैठक में प्रदर्शनी, डिजिटल स्वास्थ्य की पहल, जानिये ये खास बातें

डीएन ब्यूरो

भारत के कोविड टीकाकरण पोर्टल को-विन तथा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की मोबाइल बीएसएल-3 लैब जैसी डिजिटल स्वास्थ्य पहल दिखा रही एक प्रदर्शनी यहां जी20 स्वास्थ्य कार्यकारी समूह की दूसरी बैठक में खासतौर से विदेशी प्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित कर रही है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

प्रदर्शनी में को-विन, मोबाइल बीएसएल-3 लैब का प्रदर्शन
प्रदर्शनी में को-विन, मोबाइल बीएसएल-3 लैब का प्रदर्शन


पणजी: भारत के कोविड टीकाकरण पोर्टल को-विन तथा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की मोबाइल बीएसएल-3 लैब जैसी डिजिटल स्वास्थ्य पहल दिखा रही एक प्रदर्शनी यहां जी20 स्वास्थ्य कार्यकारी समूह की दूसरी बैठक में खासतौर से विदेशी प्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित कर रही है।

जी20 स्वास्थ्य कार्यकारी समूह की सोमवार को शुरू हुई दूसरी बैठक के इतर प्रदर्शनी में 18 स्टॉल लगाए गए हैं जिनमें भारत के डिजिटल स्वास्थ्य कार्यक्रम और पहल के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया गया है।

भारत की जी20 की अध्यक्षता के दौरान स्वास्थ्य के जिन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है उनमें स्वास्थ्य आपात रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया, औषधि क्षेत्र में सहयोग मजबूत करना तथा स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में सुधार लाने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य नवोन्मेष तथा समाधान शामिल हैं।

दक्षिण एशिया की पहली जैवसुरक्षा स्तर की मोबाइल प्रयोगशाला बीसएल-3 को पार्किंग क्षेत्र में स्थापित किया गया है। इसे देखने बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं।

आईसीएमआर में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रजनीकांत श्रीवास्तव ने बताया कि नए उभरते वायरल संक्रमण की जांच के लिए पिछले साल फरवरी में यह मोबाइल प्रयोगशाला स्थापित की गयी थी। यह संक्रमण अत्यधिक संक्रामक और मनुष्यों के लिए जानलेवा भी हो सकते हैं।

अभी बीएसएल-3 प्रयोगशालाएं एक जगह बनी होती हैं तथा वे नजदीकी तथा दूरदराज के स्थानों से नमूने लाए जाने पर जांच करती है जिससे बीमारी का पता चलने और फिर उसके निदान में अक्सर देरी होती है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार डॉ. श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘मोबाइल यानी चलती-फिरती लैब को किसी सामान्य बस की तरह विभिन्न स्थानों तक ले जाया जा सकता है।’’

प्रदर्शनी में आईसीएमआर की हाथ में पकड़ कर इस्तेमाल की जाने वाली डिजिटल मेडिकल एक्स-रे मशीन भी शामिल है जिसका विभिन्न बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है। महज एक महीने पहले भारत में निर्मित 1.8 किलोग्राम वजनी यह मशीन पारंपरिक एक्स-रे मशीनों से अलग है जिनका वजन 20 से 70 किलोग्राम होता है।

डॉ. रजनीकांत ने कहा, ‘‘यह एक्स-रे प्रणाली सामान्य एसएलआर कैमरा जैसी दिखती है और उतने ही वजन की होती है तथा इसे हाथ में भी पकड़ा जा सकता है।’’

प्रदर्शनी में ग्रीवा कैंसर की जांच के पोर्टेबल उपकरण को भी रखा गया है।

एक स्टॉल पर भारत के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम और को-विन पोर्टल को प्रदर्शित किया गया है जिसकी मदद से देश में लोगों को टीके की 220 करोड़ से अधिक खुराक दी गयी।

एक अन्य स्टॉल पर सरकार के नि-क्षय पोर्टल को दिखाया गया है जो टीबी यानी तपेदिक के रोगियों की सूची डिजिटल रूप से रखता है तथा उनके इलाज समेत जीवन चक्र पर भी नजर रखता है।

इसके अलावा सरकार की आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और आयुष के तहत दी जाने वाली सेवाओं को प्रदर्शित करने वाले स्टॉल भी लगाए गए हैं।

भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत स्वास्थ्य कार्यकारी समूह की दूसरी बैठक 19 अप्रैल को संपन्न होगी। जी20 के 19 देशों, 10 आमंत्रित देशों और 22 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 180 से अधिक प्रतिनिधि इसमें भाग ले रहे हैं।










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