IAS Topper Aishwaryam Prajapati: 2024 बैच की आईएएस टॉपर ऐश्वर्यम प्रजापति का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू एक मुलाकात में

मनोज टिबड़ेवाल आकाश

2024 बैच की आईएएस टॉपर ऐश्वर्यम प्रजापति ने देश भर में सिविल सेवा परीक्षा में 10वीं रैंक हासिल की। देश के सबसे बड़े टॉक शो "एक मुलाकात" में इस बार की मेहमान ऐश्वर्यम ने डाइनामाइट न्यूज़ को दिये इंटरव्यू में एग्जाम की तैयारी और संघर्ष की अपनी कहानी को साझा। इसके साथ ही उन्होंने आईएएस का सपना देखने वाले युवाओं को भी खास टिप्स दिये। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट



नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े टॉक शो "एक मुलाकात" में इस बार की मेहमान हैं देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा "भारतीय प्रशासनिक सेवा" की टॉपर "ऐश्वर्यम प्रजापति"। डाइनामाइट न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ और दिग्गज प्रस्तोता मनोज टिबड़ेवाल आकाश के साथ "ऐश्वर्यम प्रजापति" ने अपनी सफलता से जुड़ी कई अनजानी बातों से भी पर्दा हटाया और आईएएस बनने का सपना देखने वाले युवाओं को इस परीक्षा से संबंधित कई टिप्स भी दिये। 

उत्तर प्रदेश के बेहद पिछड़े और देश के सीमावर्ती जनपद महराजगंज में जन्मीं ऐश्वर्यम प्रजापति ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में दसवीं रैंक हासिल कर आईएएस बनी हैं।

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पहले प्रयास में मिली असफलता
डाइनामाइट न्यूज़ के साथ इस सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में ऐश्वर्यम प्रजापति ने बताया कि यूपीएससी परीक्षा में यह उनका दूसरा प्रयास (अटेम्प्ट) था। सबसे बड़ी बात यह है कि पहले प्रसास में वे प्रीलिम्स भी नहीं निकाल सकीं। लेकिन सिविल सेवा परीक्षा में मिली पहली असफलता से वे कभी निराश नहीं हुई। लगातर मेहनत और पढ़ाई करती रहीं, जिसका नतीजा ये रहा कि ऐश्वर्यम सिविल सेवा परीक्षा-2024 की टॉपर्स की सूची में शुमार हो गई। 

बिना कोचिंग हासिल की सफलता
ऐश्वर्यम आईएएस बनने का सपना देखने वाले उन हजारों-लाखों युवाओं के लिये भी प्रेरणास्रोत है, जो पैसों के अभाव में घर-गांव से बाहर जाकर महंगी कोचिंग अफोर्ड नहीं कर सकते। ऐश्वर्यम ने भी बिना कोचिंग लिये देश की इस प्रतिष्ठित परीक्षा को पास किया और टॉप-10 की लिस्ट में जगह बनाई। 

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ऐश्वर्यम का परिवार
ऐश्वर्यम के माता-पिता की तीन संताने हैं और तीनों ही पुत्रियां हैं। ऐश्वर्यम तीनो बहनों में सबसे बड़ी है। उनके पिता प्रोफेसर है जबकि मां एक गृहणी है। ऐश्वर्यम की दूसरी बहन हिंडाल्को में इलेक्ट्रिक इंजीनियर है जबकि सबसे छोटी बहन 8वीं कक्षा में पढ़ रही है।  

आईएएस बनने का सपना
ऐश्वर्यम कहती हैं कि उनके पिता बचपन से ही उनको आईएएस टॉपर्स के इंटरव्यू मसलन ‘एक मुलाकात’ जैसे कार्यक्रमों को दिखाते थे और इन्हीं कार्यक्रमों को देखकर उनको आईएएस बनने की प्रेरणा मिली और उन्होंने ये सपना देखा। लेकिन ग्रेजुएशन के बाद उनको लगा कि अब यूपीएससी की सिरीयसली तैयारी करनी चाहिये।

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यूपीएससी की तैयारी
वे बताती हैं कि यूपीएससी के लिये उनकी तैयारी बेहद फोकस्ड और डेडिकेटड थी। हालांकि रूझान बहुत पहले से था लेकिन वे सभी चीजों को एक साथ नहीं करना चाहती थीं। इसलिये उन्होंने एक समय पर एक ही चीज पर अपना ध्यान केंद्रित रखा। पढ़ाई-लिखाई और जॉब को पूरा करने के बाद ही उन्होंने समर्पित होकर और एक ही लक्ष्य पर फोकस होकर यूपीएससी की तैयारी शुरू की। साल-डेढ़ साल के समय में केवल यूपीएससी क्रेक करने पर ही अपना ध्यान रखा।

टाइम मैनेजमेंट 
एक सवाल के जवाब में उन्होंने अपने टाइम मैनेजमेंट के बारे में बताया कि वे सिविल सेवा परीक्षा के लिये हमेशा 8 घंटे की पढ़ाई करती थी। 8 घंटे की नींद लेती थी और बाकी के 8 घंटे अन्य कार्यों के लिये देती थी। सुबह जल्दी नहीं उठ पाती थी इसलिये पढ़ाई का शेड्यूल दोपहर 12 से 2 के बीच शुरू होता था, जो देर रात तक जाता था।

आईएएस बनने वालों को सलाह
आईएएस बनने का सपना देखने वाले युवाओं के लिये एश्वर्यम सलाह देती हैं कि ‘आपका लक्ष्य केवल अपना लक्ष्य होना चाहिये, किसी के कहने पर या किसी को देखकर या बाहरी लोगों की सलाह पर इसके बारे में न सोचे। क्योंकि ये एग्जाम अलग तरह का होता और इसके लिये यह लक्ष्य हर किसी के अंदर से होना चाहिये और अंदर से ही मोटिवेटेड होना चाहिये।‘

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तैयारियों की चुनौतियों से निपटने के तरीके 
यूपीएससी की तैयारियों से जुड़ी चुनौतियों के बार में एश्वर्यम युवाओं को सलाह देती हैं कि आयोग की तरफ से जो भी पाठ्यक्रम या दिशा-निर्देश दिये जाते हैं, हर किसी को उसकी ही सीमा में रहना चाहिये। इसके जरिये एग्जाम के पैट्रन को समझने में सबसे ज्यादा मदद मिलेगी। जितना बाहर जाओगे उतनी ज्यादा उलझन होगी। बहुत ज्यादा कंटेट पर ध्यान बांटने के बजाये क्वालिटी कंटेट पर ध्यान दें और ज्यादा पढ़ने के बजाये, जो पढ़ा गया है, उसका लगातार रिविजन करते रहें और हमेशा खुद पर भरोसा रखें। 

ऑप्शनल विषय का ऐसे करें चयन 
विषयों का चयन के संबंध में एश्वर्यम कहती हैं कि ऑप्शनल विषय का चयन करते समय सबसे पहले यह ध्यान देना चाहिये कि आपका रुझान या रुचि किस विषय में सबसे ज्यादा है। किस सब्जेक्ट की आप सबसे अच्छी तरीके से पढ़ाई कर सकते हैं। दूसरी चीज यह ध्यान देने वाली होती है कि मार्केट में उस विषय के कंटेट कितने उपलब्ध हैं, मसलन टेस्ट सिरीज, किताबें आदि। तीसरा प्वाइंट ये भी ध्यान देना चाहिये कि किस विषय में अच्छे मार्क मिल रहे हैं, कौन सा विषय ट्रेंड में हैं और किससे लोग ज्यादा निकल रहे हैं। 

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हिंदी-अंग्रेजी मीडियम 
एश्वर्यम कहती हैं कि यूपीएससी में हिंदी मीडियम वालों का भी अच्छा स्कोप है। इसके लिये अंग्रेजी जरूरी नहीं है। किसी को इससे घबराना नहीं चाहिये कि उसकी अंग्रेजी कमजोर है। अंग्रेजी समझ आ जाए इतना ही काफी है। हिंदी-अंग्रेजी से अधिक स्लेबस, परीक्षा के पैट्रन और इसकी डिमांड को समझना ज्यादा जरूरी है। इंग्लिश बोलने वाले ही यूपीएससी में चयनित होते हैं, ये धारणा गलत है। हालांकि एश्वर्यम बताती हैं कि उनका खुद का मीडियम अंग्रेजी था। 

गलत धारणा 
जो बच्चा बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में तेज होता है, केवल वही आईएएस बन सकता है? इस सवाल के जवाब में एश्वर्यम कहती है कि यह बहुत हद तक गलत धारणा है। क्योंकि इस परीक्षा की तैयारी आपको बेसिक से करनी होती है। इसमें कोई ऐसा भी एडवांटेज नहीं मिलता कि आपने 10वीं, 12वीं या ग्रेजुएशन में टॉप किया। यह अलग तरीके का एग्जाम होता है, जिसके कई पैरामीटर्स होतें हैं। 

सेल्फ एव्यूलेशन जरूरी
एश्वर्यम कहती हैं कि यूपीएससी एस्पिरेंट्स को बीच-बीच में अपना सेल्फ एव्यूलेशन करना जरूरी है। कहीं असफल होने की निराशा से उबरने का भी एकमात्र तरीका भी यही है कि आप फिर से पढ़ाई करें। खुद को लगातार इंप्रूव करते रहें। 

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इंटरव्यू में पूछे गये ये सवाल
एश्वर्यम ने बताया कि उनसे सिविल सेवा परीक्षा का उनका इंटरव्यू काफी अच्छा रहा। बोर्ड मैंबर्स ने उनसे काफी अच्छे सवाल पूछे। इंटरव्यू में अक्सर आपके बैकग्राउंड से ही सवाल पूछे जाते हैं। क्योंकि मैने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था, इसलिये मुझसे इससे रिलेटेड सवाल पूछे गये। कुछ सवाल  इलेक्ट्रिकल एनर्जी, पावर फैक्टर्स से थे। इसके अलावा मुझसे मेरे गृह जनपद महराजगंज का वन ड्रिस्ट्रिक्ट वन प्रोडेक्ट पूछा गया। उत्तर प्रदेश और वहां के हाइवेज से जुड़े कई सवाल पूछे गये। इनके साथ ही देश विदेश की घटनाओं और करंट अफेयर्स से जुड़े सवाल पूछे गये। 

जातीय जनगणना पर राय 
डाइनामाइट न्यूज़ के जातीय जनगणना से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि इसके कुछ फायदे तो हैं लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में जातिवाद बहुत फैला हुआ है। जिन जातियों को कई पॉलिसीज का फायदा नहीं मिल पाया है, या वे वंचित रहे गये हैं, जातिगत जनगणना से उनका एक डेटा सामने आ सकता है और उन तक सरकारी नीतियां या लाभ पहुंचाये जा सकते हैं। इसलिये एक बार इस तरह का ब्योरा इकट्ठा करना चाहिये। लेकिन इसका नुकसान ये है कि इससे जातिवाद को बढ़ावा मिल सकता है। 

भ्रष्टाचार मिटाने के तरीके
भारत में भ्रष्टाचार मिटाने के तरीके से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसके लिये टैक्नोलॉजी का अधिकतम इस्तेमाल होना चाहिये, जिससे गांव से लेकर ब्लॉक और तहसील स्तर पर किसी भी तरह के लाभ या भुगता में मिडल मैन की भूमिका खत्म की जानी चाहिये। इसके अलावा लोगों को जगरूर करना और उनको उनके अधिकारों के बारे में सचेत करना जरूरी है। 

रोल मॉडल
एश्वर्यम बताती हैं कि उनके रोल मॉडल खुद उनके पिता है। लेकिन उनके अलावा, जिनसे उनको सबसे ज्यादा प्रेरणा मिलती है, वो है बाबा भीमराव अंबेडकर। वे कहती हैं कि भीमराव अंबेडकर ने व्यक्ति और समाज के विकास के लिये शिक्षा को सबसे बडा टूल बनाया। एश्वर्यम कहती हैं उनको अंबेडकर की इस बात से सबसे ज्यादा प्रेरणा मिलती है कि “भले ही आपके पैरों में जूते न हों लेकिन हाथ में कलम जरूर होनी चाहिये।”

पसंद-नापसंद
एश्वर्यम कहती हैं कि उनको नई-नई जगह घूमना औऱ ट्रैवल करना सबसे ज्यादा पसंद है जबकि किचन में काम करना और खाना बनाना उनका बहुत वीक एरिया है। किचन के नाम से उनको बेहद घबराहट होती है।

सक्सेस मंत्र
यूपीएससी परीक्षा पास करने के सपने देखने वालों के लिये एश्वर्यम अपना सक्सेस मंत्र का खुलासा करते हुए कहा कि कंसिस्टेंसी सबसे जरूरी है। कभी ऐसा न करें कि आज पढ़ा और कल नही। या एक महीने पढ़ा और 20 दिन नहीं। लगातार पढ़ते रहें और रिवीजन करते रहें। आपको एक ही काम बार-बार करना है, वह है पढ़ाई...पढ़ाई... और पढ़ाई। 










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