साइबर अपराध की समस्या से हर कोई परेशान, पुलिस व्यवस्था में सुधार की जरूरत

डीएन ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जोर देते हुए कहा कि साइबर अपराध एक वास्तविक समस्या है, जिससे हर व्यक्ति परेशान है। अदालत ने सुझाव दिया कि अधिकारी ऐसे मामलों में शिकायत दर्ज करने के लिए एक सरल प्रक्रिया अपनाएं और इस खतरे को रोकने के लिए अन्य कदमों के अलावा ‘महत्वपूर्ण’ मुद्दे पर लोगों में जागरूकता फैलाएं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली उच्च न्यायालय
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नयी दिल्ली:  दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जोर देते हुए कहा कि साइबर अपराध एक वास्तविक समस्या है, जिससे हर व्यक्ति परेशान है। अदालत ने सुझाव दिया कि अधिकारी ऐसे मामलों में शिकायत दर्ज करने के लिए एक सरल प्रक्रिया अपनाएं और इस खतरे को रोकने के लिए अन्य कदमों के अलावा ‘महत्वपूर्ण’ मुद्दे पर लोगों में जागरूकता फैलाएं।

उच्च न्यायालय ने कहा कि पुलिस व्यवस्था में सुधार करना होगा और पुलिस को इन नई चुनौतियों से निपटने के लिए नई तकनीक से लैस होना होगा।

अदालत ने कहा कि घोटालेबाज निशाना बनाए जाने वाले लोगों के बीच भेदभाव नहीं करते हैं और उन्हें इस बात की परवाह नहीं होती कि लक्षित व्यक्ति वकील, न्यायाधीश, व्यवसायी या कोई अन्य व्यक्ति है। अदालत ने कहा कि साइबर अपराधी केवल अंधाधुंध कॉल करते हैं और लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा, ‘‘साइबर अपराध आज एक वास्तविक समस्या है। हर कोई परेशान है। कुछ अनोखा घटित हो रहा है। हम नहीं जानते कि अधिकारी इस बारे में क्या कर सकते हैं। जागरूकता से ही काम चल सकता है। जागरूकता की जरूरत है।’’

उच्च न्यायालय बढ़ते साइबर अपराधों और निर्दोष नागरिकों से पैसे वसूलने के लिए प्राथमिकी और गिरफ्तारी वारंट सहित उच्चतम न्यायालय समेत अन्य अदालती आदेशों की जालसाजी के मुद्दे पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था।










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