लखनऊ: कर्मचारी नेताओं ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान का किया विरोध, कहा- ना करें समाज में खाई पैदा

डीएन ब्यूरो

यूपी के लखनऊ में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आरक्षण वाले बयान पर पलटवार किया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट

जे एन तिवारी
जे एन तिवारी


लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी सरकार पर सवालिया बयान देते हुए संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती में आरक्षण की बात कही, जिससे नाराज हुए कर्मचारी संगठन के नेताओं ने उन्हें जाति से ऊपर उठकर राजनीति करने की सलाह दे डाली। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती में आरक्षण के बयान पर कहा कि भारतीय कार्य संचालन के लिए की जाती हैं, जिसमें आरक्षण का प्रश्न ही नहीं उठाता क्योंकि आरक्षण स्थाई भर्तियों के लिए दी गई व्यवस्था है।

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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक जे एन तिवारी ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आरक्षण वाले बयान पर कहा की केशव प्रसाद मौर्य खुद अपनी विधानसभा से चुनाव हार गए। बावजूद उसके उन्हें डिप्टी सीएम का पद दिया गया। वह अपनी हार को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं और हार की जिम्मेदारी दूसरों पर डालना चाह रहे हैं। केशव प्रसाद मौर्य द्वारा दिया गया यह बयान स्वर्ण के खिलाफ उनकी मानसिकता को दर्शाता है।

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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा सरकार से मांग करते हुए कहा गया है कि विभिन्न विभागों में चयनित संविदा कर्मियों को फौरन नियमित करते हुए संविदा की नियुक्तियों पर तत्काल रोक लगानी चाहिए। आउटसोर्सिंग और संविदा में आरक्षण देना समस्या का विकल्प नहीं, बल्कि इससे प्रदेश में अस्थिरता का माहौल होगा। इसके साथ ही आउटसोर्सिंग और ठेकेदारी प्रथा पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। साल 2013 में सरकार द्वारा कर्मचारियों को नियमित करने का काम किया गया था उसे अब दोहराने का वक्त आ गया है।










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