ईडी ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो-इंडिया, अन्य के खिलाफ पहला आरोप पत्र दाखिल किया

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो और कुछ अन्य के खिलाफ धन शोधन जांच के सिलसिले में अपना पहला आरोप पत्र दाखिल किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 7 December 2023, 12:49 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो और कुछ अन्य के खिलाफ धन शोधन जांच के सिलसिले में अपना पहला आरोप पत्र दाखिल किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत बुधवार को यहां एक विशेष अदालत के समक्ष अभियोजन पक्ष ने शिकायत दायर की है और इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों के अलावा वीवो-इंडिया को भी आरोपी बनाया गया है।

संघीय जांच एजेंसी ने इस जांच में लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) हरिओम राय समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। हिरासत में लिए गए अन्य लोगों में चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक शामिल थे।

ईडी ने तब यहां एक स्थानीय अदालत के समक्ष अपने रिमांड दस्तावेज में दावा किया था कि चारों की कथित गतिविधियों ने वीवो-इंडिया को गलत तरीके से लाभ कमाने में मदद की जो भारत की आर्थिक संप्रभुता के लिए हानिकारक था।

पिछले साल जुलाई में ईडी ने वीवो-इंडिया और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ छापा मारा था, जिसमें चीनी नागरिकों और कई भारतीय कंपनियों से जुड़े, एक बड़े धन शोधन रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया गया था।

ईडी ने तब आरोप लगाया था कि भारत में करों के भुगतान से बचने के लिए वीवो-इंडिया द्वारा 62,476 करोड़ रुपये की रकम ‘‘अवैध रूप से’’ चीन को हस्तांतरित की गई थी। कंपनी ने कहा था कि वह ‘‘दृढ़ता से अपने नैतिक सिद्धांतों का पालन करती है और कानून के अनुपालन के प्रति समर्पित है।’’

राय ने हाल में यहां एक अदालत को बताया था कि उनकी कंपनी और वीवो-इंडिया एक दशक पहले भारत में एक संयुक्त उद्यम शुरू करने के लिए बातचीत कर रहे थे लेकिन 2014 के बाद से उनका चीनी कंपनी या उसके प्रतिनिधियों से कोई लेना-देना नहीं है।

राय के वकील ने अदालत को बताया, ‘‘उनके किसी भी कथित आपराधिक आय से जुड़े होने की बात तो दूर, बल्कि उन्होंने न तो कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त किया है, न ही वह वीवो या कथित तौर पर वीवो से संबंधित किसी इकाई के साथ किसी लेनदेन में शामिल रहे हैं।’’

एजेंसी ने वीवो की सहयोगी कंपनी ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल), इसके निदेशक, शेयरधारक और कुछ अन्य पेशेवर के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद तीन फरवरी को एक प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की, जो प्राथमिकी के समान होती है।

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि जीपीआईसीपीएल और उसके शेयरधारकों ने दिसंबर 2014 में कंपनी के गठन के समय ‘‘नकली’’ पहचान दस्तावेजों और ‘‘गलत’’ पते का इस्तेमाल किया था।

 

No related posts found.