जिला पंचायत विधायक कांड में दर्ज एफआईआर की कॉपी सबसे पहले डाइनामाइट न्यूज़ पर, जानिये किस-किस पर दर्ज हुआ मुक़दमा
शनिवार को हुए जिला पंचायत विधायक कांड में पुलिसिया एंट्री के बाद एफआईआर दर्ज हो गई है। इस FIR की कॉपी आप सबसे पहले डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़ रहे हैं। एक्सक्लूसिव खबर:
महराजगंज: सत्ता पक्ष के दो विधायकों के आपसी भिड़ंत के मामले में लखनऊ के हस्तक्षेप के बाद कोतवाली पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है।
एफ़आईआर दर्ज करने का समय 2 अक्टूबर की तारीख़ में रात 9 बजकर 8 मिनट दर्शाया गया है।
किसने बुलाया बाउंसर्स को?
हैरानी की बात यह है कि पुलिस को घटना दर्ज करने में 96 घंटे का वक्त क्यों लगा? दूसरा बड़ा सवाल यह है कि आख़िर ये इन बाउंसरों को किसने बुलवाया था? और उसकी मंशा क्या थी?
क्या वाक़ई विधायक को पीटने की साज़िश थी?
क्या यह सच है कि एक सत्तारूढ़ विधायक की ज़िला पंचायत में खुलेआम गुंडई कर धुलाई की योजना थी? आख़िर इस ज़िला पंचायत में ऐसा है क्या जिसे कुछ लोग छिपाना चाहते हैं? क्या मामला बड़े और संगीन भ्रष्टाचार का है? जिसे कुछ सफ़ेदपोश नहीं चाहते कि खुले? इस बात की आशंका इसलिए भी बढ़ जाती है कि एक विधायक ने तो भरी मीटिंग में 43% कमीशनखोरी की बात कहकर सनसनी मचा दी थी।
दो बड़ी बात
समूचे मामले में बड़ी खबर यह है कि FIR का वादी दोनों विधायकों में से कोई नहीं है बल्कि ज़िला पंचायत के अतिरिक्त प्रभार वाले कामचलाऊ अपर मुख्य अधिकारी अभय सिंह पुत्र राजदेव सिंह हैं। मीटिंग तो हर बार होती है लेकिन थाने वाली FIR बाज़ी पहली बार हुई है। इससे दो मतलब तो साफ़ हैं। पहला- लखनऊ का भारी दबाव और दूसरा ज़िले की प्रशासनिक सत्ता पर दूसरे गुट की पकड़ का ढीला होना है।
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चार नामज़द
कोतवाली थाने में दर्ज FIR संख्या 475/2024 धारा 189(2), 62, 329(2) के मुताबिक़ राज जायसवाल, अनिल कुमार, सोनू सिंह, जिम ट्रेनर शमीम ख़ान और कुछ अन्य लोग जबरन मीटिंग हाल में घुसने लगे।
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