दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीएनए परीक्षण से संबंधित मोटर न्यायाधिकरण के आदेश पर रोक लगाई

डीएन ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीएनए परीक्षण कराने के लिए एक व्यक्ति की कब्र खोदने के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा है कि मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) इस बात का मूल्यांकन करने में विफल रहा है कि इस परीक्षण का आदेश नियमित आधार पर नहीं दिया जा सकता। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली उच्च न्यायालय
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नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीएनए परीक्षण कराने के लिए एक व्यक्ति की कब्र खोदने के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा है कि मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) इस बात का मूल्यांकन करने में विफल रहा है कि इस परीक्षण का आदेश नियमित आधार पर नहीं दिया जा सकता।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उच्च न्यायालय ने कहा कि कब्र खोदने का निर्देश देना पूरी तरह अनुचित है।

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न्यायाधिकरण ने निर्देश दिया था कि व्यक्ति की कब्र खोदी जाए और डीएनए परीक्षण किया जाए ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि याचिकाकर्ता उसके कानूनी उत्तराधिकारी हैं या नहीं।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा, ‘‘एक बार जब पुलिस अधिकारियों द्वारा विस्तृत जांच का निर्देश दिया जा चुका है तो ऐसे में डीएनए परीक्षण करने के लिए एक मृत व्यक्ति की कब्र खोदने का आदेश देना मेरे विचार से पूरी तरह अनुचित था।’’

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उच्च न्यायालय ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 19 मई तक न्यायाधिकरण के आदेश पर रोक लगा दी।










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