दिल्ली हाई कोर्ट ने झुग्गियों से स्थानांतरित करने के मामले में सरकार को दिये ये बड़े आदेश

डीएन ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यहां भैरो मार्ग पर तोड़ी जाने वाली झुग्गियों से स्थानांतरित किए जाने वाले लोगों को भोजन, स्वच्छ पेयजल, आजीविका और परिवहन सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय


नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यहां भैरो मार्ग पर तोड़ी जाने वाली झुग्गियों से स्थानांतरित किए जाने वाले लोगों को भोजन, स्वच्छ पेयजल, आजीविका और परिवहन सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उच्च न्यायालय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने कागजों पर झुग्गीवासियों के पुनर्वास के प्रयास करने की कोशिश की है, लेकिन जमीनी हकीकत अच्छी नहीं है।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा, ‘‘इसी वजह से, इस अदालत के लिए यह दोहराना आवश्यक है कि आवास का अधिकार आजीविका, स्वास्थ्य, भोजन, स्वच्छ पेयजल, सीवरेज और परिवहन सुविधाओं के अधिकार का एक हिस्सा है और इसलिए ये सुविधाएं उन व्यक्तियों को प्रदान की जानी चाहिए जिन्हें द्वारका की गीता कॉलोनी में स्थानांतरित किया जाएगा।’’

अदालत ने कहा कि यह पहले ही निर्देश दिया जा चुका है कि याचिकाकर्ता संगठन ‘केशव संन्यासी गांव सेवाश्रम’ द्वारा इस भूमि पर संचालित गौशाला में रहने वाले मवेशियों को वैकल्पिक आश्रय प्रदान किया जाना चाहिए।

खंडपीठ ने यह आदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा जारी बेदखली नोटिस के खिलाफ दायर याचिका खारिज करने के एकल न्यायाधीश के फैसले को चुनौती देने वाली अपील को खारिज करते हुए दिया।

पीडब्ल्यूडी द्वारा जारी नोटिस में प्रगति मैदान के पास भैरो मार्ग के सभी झुग्गीवासियों को स्वेच्छा से अपनी झुग्गी ध्वस्त करने को कहा गया है, जिसमें नाकाम रहने पर इन झुग्गियों को पुलिस की मदद से हटा दिया जाएगा।

नोटिस में कहा गया है कि वहां रह रहे लोगों को द्वारका या गीता कॉलोनी में भेजा जाए।










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