Happy Independence Day: लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने देश को किया संबोधित, जानिये संबोधन की खास बातें

भारत आज 15 अगस्त 2022 को आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। पूरा देश जश्न में डूबा हुआ है। पीएम मोदी लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित कर रहे हैं। पढ़िये खास बातें

Updated : 15 August 2022, 8:01 AM IST
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नई दिल्ली: आज 15 अगस्त 2022 को भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। देश आजादी के इस पर्व को आजादी के अमृत महोतस्व के रूप में मना रहा है। देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नौवीं बार लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें

लाल किले से देश को संबोधित करते पीएम मोदी

1) आज का दिन ऐतिहासिक है। आज नहीं राह, नए संकल्प, नए सामर्थ के साथ कदम बढ़ाने का शुभअवसर है। आजादी के जंग में गुलामी का पूरा काल खंड संघर्ष में बीता है।

2) हिंदुस्तान का कोई कोना ऐसा नहीं था, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो। जीवन न खपाया हो। आहुती न दी हो। आज हम सब देशवासियों के लिए हर महापुरुष को, त्यागी को बलिदानी को नमन करने का अवसर है। उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लेने का अवसर है। 

3) कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले बापू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर के हर प्रति नागरिक आभारी है। आज उन्हें याद करने और नमन करने का वक्त है।

4) आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को, हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है।

5) हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैंकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो।

6) भारत में सामूहिक चेतना का पुनर्जागरण हुआ है; ये हमारी सबसे बड़ी अमानत है; पिछले 3 दिन से जिस तरह देश तिरंगा ले कर चल पड़ा है, ये अभूतपूर्व सामर्थ्य की मिसाल है।

7) अमृतकाल का पहला प्रभात Aspirational Society की आकांक्षा को पूरा करने का सुनहरा अवसर है; हमारे देश के भीतर कितना बड़ा सामर्थ्य है, एक तिरंगे ने दिखा दिया है।

8) हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं, जो नर में नारायण देखते हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं, जो नदी को मां मानते हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं।

9) आत्मनिर्भर भारत, ये हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व बन जाता है; आत्मनिर्भर भारत, ये सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है; ये समाज का जनआंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है।

10) आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जूझ रहा है; ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है; इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है।

11) देश आज पूरी शक्ति से आगे बढ़ रहा है; अगले 25 साल हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण; लाल किले से 130 करोड़ देशवासियों के सामर्थ्य का स्मरण करता हूं।

12) देश में 200 करोड़ डोज लगना दुनिया को चौंका देता है; विश्व भारत की तरफ गर्व से देख रहा है; विश्व की सोच में परिवर्तन 75 साल की अनुभव यात्रा का परिणाम।

13) हमारा प्रयास है कि युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक रिसर्च के लिए भरपूर मदद मिले; इसलिए हम स्पेस मिशन का, Deep Ocean Mission का विस्तार कर रहे हैं; स्पेस व समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए ज़रूरी समाधान है।

14) हमने देखा है कि कभी कभी हमारी प्रतिभा भाषा के बंधनों में बंध जाती है। ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए।

15) भ्रष्टाचार देश को खोखला बना रहा है, हमें भ्रष्टाचार से हर हाल में लड़ने है, जिन्होंने देश को लूटा, उनको लौटाना होगा। परिवारवाद की राजनीति परिवार की भलाई के लिए होती है, देश के हित के लिए नहीं।

16) जो लोग पिछली सरकारों में देश को लूटकर भाग गए, उनकी संपत्तियां ज़ब्त करके वापिस लाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें लौटाना पड़े वो स्थिति हम पैदा कर रहे हैं। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में कदम रख रहे हैं।

17) मैं भाई भतीजावाद, परिवारवाद की बात करता हूं तो लोगों को लगता है मैं सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र की बात कर रहा हूं। दुर्भाग्य से राजनीति की इस बुराई ने हिन्दुस्तान की सभी संस्थाओं में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। इससे मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है।

Published : 
  • 15 August 2022, 8:01 AM IST

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