दिल्ली सरकार ने स्कूली मुद्दों और शिकायतों को दर्ज करने के लिए एप लांच, जानिए क्या है खास

डीएन ब्यूरो

दिल्ली सरकार ने छात्रों और शिक्षकों के शैक्षणिक अनुभव को बढ़ाने और उन्हें स्कूल से संबंधित चिंताओं के बारे में आवाज उठाने को लेकर सशक्त बनाने के लिए बृहस्पतिवार को एक मोबाइल एप्लिकेशन की शुरुआत की। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली सरकार ने स्कूली मुद्दों और शिकायतों को दर्ज करने के लिए एप लांच
दिल्ली सरकार ने स्कूली मुद्दों और शिकायतों को दर्ज करने के लिए एप लांच


नयी दिल्ली: दिल्ली सरकार ने छात्रों और शिक्षकों के शैक्षणिक अनुभव को बढ़ाने और उन्हें स्कूल से संबंधित चिंताओं के बारे में आवाज उठाने को लेकर सशक्त बनाने के लिए बृहस्पतिवार को एक मोबाइल एप्लिकेशन की शुरुआत की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों के मुताबिक शिक्षा निदेशालय के 'निरीक्षण ऐप' को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे छात्रों और शिक्षकों को स्कूल से संबंधित चिंताओं के बारे में आवाज उठाने के लिए सशक्त बनाया जा सके तथा उनकी इन चिंताओं का त्वरित निवारण सुनिश्चित हो सके।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार शिक्षा निदेशालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ छात्र और शिक्षक अपने पहचान-पत्र के जरिए इस ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह दिल्ली के सरकारी स्कूलों में समस्याओं का समाधान करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाने का एक कदम है।’’

शिक्षा निदेशालय ने कहा कि यह ऐप सूचना प्रसारित करने और बुनियादी ढांचे, आपूर्ति, मध्याह्न भोजन, स्टेशनरी और वर्दी से संबंधित मुद्दों जैसी आवश्यक विशेषताओं के निरीक्षण को सुव्यवस्थित एवं डिजिटल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने इस ऐप की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार छात्रों और शिक्षकों के जीवन को आसान बनाने के लिए नयी तकनीक का इस्तेमाल शुरू करने को प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि इस ऐप की मदद से पर्याप्त डेस्क, बेंच या ब्लैकबोर्ड की कमी जैसी चुनौतियों का सामना करने वाले छात्र इन मुद्दों को अपने प्रधानाचार्य के ध्यान में ला सकते हैं।

एक बार शिक्षकों और छात्रों की चिंताओं को प्रस्तुत करने के बाद, वे ऐप में ही अपनी शिकायत की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं। शिकायतों और प्रश्नों से निपटने की पूरी प्रक्रिया की निगरानी क्षेत्रीय, जिला और मुख्यालय स्तर पर उप जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा की जाएगी।










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