अब्दुल्ला के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से की मुलाकात

डीएन ब्यूरो

जम्मू-कश्मीर के अनुभवी राजनेता और लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला ने विपक्षी दलों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए केंद्र शासित प्रदेश में समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग (ईसी) से मुलाकात की।

फारूक अब्दुल्ला (फ़ाइल फ़ोटो)
फारूक अब्दुल्ला (फ़ाइल फ़ोटो)


नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के अनुभवी राजनेता और लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला ने विपक्षी दलों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए केंद्र शासित प्रदेश में समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग (ईसी) से मुलाकात की।

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता ने यहां मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार के साथ बैठक के बाद कहा कि जम्मू कश्मीर में पिछले पांच साल से विधानसभा नहीं है और निर्वाचित सरकार भी नहीं है।

अब्दुल्ला ने कहा, “सीईसी ने हमारी बात सुनी और आश्वासन दिया कि आयोग जल्द ही इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एक बैठक करेगा।”

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उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने सीईसी और आयोग के अन्य सदस्यों को सूचित किया कि सरकार जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने का दावा करती रही है और अब जिम्मेदारी (विधानसभा चुनाव कराने की) निर्वाचन आयोग पर है।

पूर्ववर्ती राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री रहे अब्दुल्ला ने कहा, “ऐसे में आयोग जम्मू कश्मीर के लोगों की पीड़ा पर संज्ञान क्यों नहीं ले रहा है।”

केंद्र ने 2019 में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।

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इस दौरान निर्वाचन आयोग को दिए गए ज्ञापन पर राकांपा नेता शरद पवार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, आप नेता संजय सिंह और अन्य के हस्ताक्षर थे। इसमें कहा गया कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराना निर्वाचन आयोग का संवैधानिक दायित्व है।










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