Char Dham Yatra: चारधाम यात्रा में इन सरकारी नियमों के खिलाफ तीर्थ पुरोहित फिर लामबंद, आंदोलन की चेतावनी

चारधाम तीर्थ पुरोहितों ने बुधवार को चेतावनी दी कि अगर तीर्थयात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण और हिमालयी धामों में उनकी दैनिक संख्या निर्धारित करने जैसे ​नियम न हटाए गए तो वे आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 1 March 2023, 6:01 PM IST
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देहरादून: चारधाम तीर्थ पुरोहितों ने बुधवार को चेतावनी दी कि अगर तीर्थयात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण और हिमालयी धामों में उनकी दैनिक संख्या निर्धारित करने जैसे ​नियम न हटाए गए तो वे आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे ।

तीर्थ पुरोहित महापंचायत अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि यात्रा पर आने वाले ज्यादातर श्रद्धालु गरीब, बुजुर्ग और निरक्षर होते हैं और उनके लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना आसान काम नहीं है।

उन्होंने कहा कि यात्रा से पहले श्रद्धालुओं पर इस प्रकार की औपचारिकतायें लागू करना बिलकुल अव्यवहारिक है ।

पिछले साल का उदाहरण देते हुए सेमवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों से यात्रा के लिए आए कई श्रद्धालुओं को ऋषिकेश और हरिद्वार से इसलिए लौटना पड़ा था क्योंकि उन्होंने पहले से पंजीकरण नहीं करवाया था।

सेमवाल ने कहा कि जहां तक तीर्थयात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड रखने का सवाल है तो वह पुलिस सत्यापन के जरिए भी रखा जा सकता है।

उन्होंने पंजीकरण के लिए चारों धामों का क्रम बदले जाने पर भी आपत्ति जताई और कहा कि यह हिंदू परंपराओं के साथ खिलवाड़ है।

उन्होंने कहा, 'हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार, श्रद्धालुओं द्वारा सबसे पहले यमुनोत्री मंदिर के दर्शन किए जाने चाहिए और उसके बाद उन्हें क्रमश: गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ जाना चाहिए। लेकिन केदारनाथ और बदरीनाथ का पंजीकरण शुरू कर दिया गया है जबकि उनसे पहले खुलने वाले गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के लिए पंजीकरण शुरू नहीं हुआ है ।'

गौरतलब है​ कि छह माह के शीतकालीन अवकाश के बाद यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट अक्षय तृतीया के मौके पर 22 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जायेंगे जबकि केदारनाथ मंदिर के कपाट 25 अप्रैल और बदरीनाथ मंदिर के द्वार 27 अप्रैल को खुलेंगे ।

सेमवाल ने हिमालयी धामों में आने वाले श्रद्धालुओं की दैनिक संख्या निर्धारित किए जाने के पर्यटन विभाग के प्रस्ताव का भी विरोध किया और उसे 'अतार्किक' बताया।

उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग ने यमुनोत्री के लिए श्रद्धालुओं की दैनिक संख्या 6000 प्रस्तावित की है जबकि भूधंसाव ग्रस्त जोशीमठ से गुजरकर बदरीनाथ जाने के लिए यह संख्या 18000 प्रतिदिन प्रस्तावित है ।

सेमवाल ने बताया कि तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने अपनी मांगों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने रखा है और उन्होंने इनके समाधान का भी आश्वासन दिया है। हांलांकि, उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होने पर वे टूर एंड आपरेटर समेत अन्य हितधारकों के समर्थन के साथ ​आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे। हाल में इस मुद्दे पर सेमवाल के नेतृत्व में महापंचायत का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला था ।

चारधामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तय किए जाने का प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन है, हांलांकि इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है ।

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