Uttarakhand: भाजपा विधायक ने हिमालय और गंगा को लेकर किया ये खासआग्रह

डीएन ब्यूरो

उत्तराखंड में टिहरी के भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय ने सोमवार को सांसदों की समिति से जलवायु परिवर्तन के कुप्रभाव से बचने के लिए हिमालय एवं गंगा का वैज्ञानिक प्रबंधन किए जाने का आग्रह किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय
भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय


देहरादून: उत्तराखंड में टिहरी के भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय ने सोमवार को सांसदों की समिति से जलवायु परिवर्तन के कुप्रभाव से बचने के लिए हिमालय एवं गंगा का वैज्ञानिक प्रबंधन किए जाने का आग्रह किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक केंद्र की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के लिए उत्तराखंड का दौरा कर रही 30 सांसदों की समिति के टिहरी पहुंचने पर उसे सौंपे गये एक ज्ञापन में उपाध्याय ने कहा कि प्राणवायु के बाद जल और अन्न मानव जीवन की सुरक्षा और निरंतरता के मुख्य कारक हैं , लेकिन विश्व जलवायु नियंता हिमालय और सनातन धर्म की रक्षक गंगा संकट में है।

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अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों का हवाला देते हुए उपाध्याय ने कहा कि यदि हिमालय का प्रबंधन ठीक नहीं किया गया तो अगले 50 साल में हिमालय पर एक बूंद बर्फ नहीं बचेगी और इसका वैश्विक असर होगा।

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के अनुसार आधी दुनिया जल के भीतर होगी और विकसित देश सबसे अधिक प्रभावित होंगें। उन्होंने कहा कि बहुत से देशों का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा और भारत भी इससे बच नहीं पायेगा तथा सबसे बड़ा संकट भारत की राजधानी दिल्ली को झेलना पड़ेगा।

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भाजपा विधायक ने समिति से संसद को इन भावनाओं से अवगत कराने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘अगर आप अनुमति प्रदान करें तो मैं हिमालय व गंगा की सुरक्षा के संबंध में समिति तथा संसद के सम्मुख तथ्यों के साथ विश्व पर मंडराते संकट से अवगत करा सकता हूं तथा इस संकट से कैसे मुक्ति मिलेगी,उसकी रूप रेखा प्रस्तुत कर सकता हूं।’’

उन्होंने इस संबंध में हिमालय में स्थित टिहरी बांध का भी जिक्र किया और कहा कि यह जहां एक ओर राष्ट्र को विद्युत के माध्यम से प्रकाश प्रदान कर रहा है, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लाखों निवासियों को पेयजल उपलब्ध कराने के साथ-साथ लगभग पूरे उत्तर भारत को सिंचाई एवं पेयजल उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमालय और गंगा भारत मां को पुनः सोने की चिड़िया बनाने की भी क्षमता रखते हैं।










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