

नोटबंदी के छह साल बीत जाने के बाद भी इसके फायदे-नुकसान को लेकर बहस जारी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: नोटबंदी के छह साल बीत जाने के बाद भी इसके फायदे-नुकसान को लेकर बहस जारी है। सरकार का दावा है कि इससे अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप देने में मदद मिली, जबकि आलोचकों का कहना है कि यह फैसला काले धन पर अंकुश लगाने और नकदी पर निर्भरता को कम करने में विफल रहा है।.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार और काले धन की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। (भाषा)
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