

कोच्चि की एक विशेष अदालत ने एक किशोरी को आत्महत्या के लिए उकसाने, सार्वजनिक रूप से जान से मारने की धमकी देने तथा उसके साथ दुर्व्यवहार करने के बाद किशोरी द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में 23 वर्षीय युवक को 18 साल की सजा सुनाई है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
कोच्चि: कोच्चि की एक विशेष अदालत ने एक किशोरी को आत्महत्या के लिए उकसाने, सार्वजनिक रूप से जान से मारने की धमकी देने तथा उसके साथ दुर्व्यवहार करने के बाद किशोरी द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में 23 वर्षीय युवक को 18 साल की सजा सुनाई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, विशेष पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम) अदालत के न्यायाधीश के. सोमन ने शनिवार को युवक सिबी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत अलग-अलग सजा सुनाई और उस पर 1.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अभियोजक ने बताया कि दोषी 10 साल की सजा काटेगा, जो उसे दी गई सजाओं में अधिकतम है। अदालत के आदेश के मुताबिक सभी सजाएं एक साथ चलेगी।
एर्नाकुलम के रहने वाले आरोपी सिबी को आत्महत्या के लिए उकसाने, सार्वजनिक रूप से लड़की को जान से मारने की धमकी देने, उसके साथ दुर्व्यवहार करने और उस पर हमला करने सहित अन्य आरोपों के तहत सजा सुनाई गई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, दोषी ने मार्च 2020 में 17 वर्षीय किशोरी को स्कूल जाते समय रोकने का प्रयास किया और उसे जान से मारने की धमकी दी।
अभियोजन पक्ष के वकीलों ने कहा कि आरोपी की ओर से जान से मारने की धमकी से डरकर उसी शाम लड़की ने खुद को आग लगा ली और कुछ दिनों बाद यहां एक निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
अभियोजन पक्ष की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक पीए बिंधु और वकील सरुन मंगरा ने कहा कि अदालत ने पीड़िता के मृत्यु पूर्व दिए गए बयान और उसके दोस्त द्वारा दिए गए बयान पर विचार किया और सिबी को दोषी ठहराया और उसे सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक अदालत ने कहा कि दोषी दया का पात्र नहीं है।