भाकपा (माले) लिबरेशन ने की तमिलनाडु के राज्यपाल के पद से हटाये जाने की मांग

डीएन ब्यूरो

बिहार में ‘महागठबंधन’ सरकार की गठबंधन सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि को ‘अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करने’ के लिए शुक्रवार को पद से हटाने की मांग की। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि
तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि


पटना: बिहार में ‘महागठबंधन’ सरकार की गठबंधन सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि को ‘अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करने’ के लिए शुक्रवार को पद से हटाने की मांग की।

रवि ने बृहस्पतिवार को एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को मंत्रिपरिषद से ‘तत्काल प्रभाव से बर्खास्त’ कर दिया, हालांकि देर रात वह अपने फैसले से पीछे हट गए।

सूत्रों ने बताया कि रवि ने सेंथिल बालाजी के बर्खास्तगी आदेश को फिलहाल स्थगित रखने का फैसला किया है और मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन को इसके बारे में सूचित किया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “रवि बार-बार अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन कर रहे थे और राज्यपाल के दुस्साहसिक कृत्यों में लिप्त थे।”

भट्टाचार्य ने कहा, “नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के अहंकार से राज्यपाल का हौसला बढ़ गया है। हर गैर-भाजपा सरकार के साथ दुश्मन जैसा व्यवहार किया जा रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करके उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने से लेकर दिल्ली अध्यादेश लागू करने तथा तमिलनाडु की घटना तक, संविधान और संघीय ढांचे पर मोदी सरकार के हमले दिन-ब-दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कुशासन ने देश को गहरे संकट में डाल दिया है और अब समय आ गया है कि हमारे संविधान और हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष-लोकतांत्रिक ताने-बाने की रक्षा के लिए फासीवादी ताकतों से लड़ा जाये।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने देश की स्वायत्तशासी संस्थाओं को कमजोर कर दिया है और संघीय ढांचे को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है।

बिहार विधानसभा में भाकपा (माले) लिबरेशन के 12 सदस्य हैं।










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