महराजगंज: कोर्ट ने महिला को सुनाई 10 साल जेल की सजा, 2 लाख का जुर्माना भी, जानिये 5 साल पुराने जुर्म की कहानी
महराजगंज के अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने गुरुवार को 2017 के एक मामले में नेपाली महिला को दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
महराजगंज: जनपद के थाना सोनौली क्षेत्रान्तर्गत भारत-नेपाल सीमा पर लगभग पांच साल पहले अवैध चरस बरामदगी के मामले में कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है। अपर सत्र न्यायाधीश कमलेश्वर पाण्डेय की अदालत ने धारा 8/20-H.D.P ऐक्ट के तहत नेपाली महिला को दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दो लाख का अर्थदंड भी लगाया गया है।
भारत-नेपाल सीमा पर वर्ष 2017 में 6.400 किलो अवैध चरस बरामद किया था। इस मामले में कोर्ट ने नेपाली मूल की महिला जानकी कामी उर्फ कविता को दोषी पाया और सजा का ऐलान किया। जानकी कामी को 10 साल की जेल और दो लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।
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जानकारी के अनुसार 11 जून 2017 को थाना सोनौली के तत्कालीन उपनिरीक्षक राज प्रकाश सिंह अपनी टीम के साथ भारत-नेपाल सीमा पर चैकिंग में व्यस्त थे। इस दौरान शक होने पर एक महिला से पूछताछ की। महिला ने अपना नाम जानकी कामी उर्फ कविता पत्नी रखेमबहादुर कामी अर्थ सागर निवासी गजेड़ी मजवा, थाना- बुटवल, जिला- रूपनदेही, नेपाल राष्ट्र बताया।
महिला आरक्षी द्वारा चैकिंग किये जाने पर जानकी कामी के कमर में कपडे से हुआ चरस बरामद हुआ। चरस का वजन 6.400 किग्रा था। महिला के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
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विवेचना के पश्चात न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया गया। विशेष लोक अभियोजक राघवेन्द्र उपाध्याय द्वारा कुल 9 गवाह एवं दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत कर कोर्ट से आरोपी की सजा की मांग की। न्यायालय ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य एवं सबूतों के आधार पर अपने 30 पृष्ठीय विस्तृत फैसले में महिला को 10 साल सश्रम कारावास और दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।