कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप,अमीरों और मध्यम वर्ग के बीच बढ़ी खाई

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अमीरों और मध्यम वर्ग के बीच खाई लगातार बढ़ रही है क्योंकि वित्त वर्ष 2019 से 2022 के दौरान सबसे अमीर लोगों की आय में जहां इजाफा हुआ तो वहीं मध्यम वर्ग की लोगों की आय घट गई। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश


नयी दिल्ली: कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अमीरों और मध्यम वर्ग के बीच खाई लगातार बढ़ रही है क्योंकि वित्त वर्ष 2019 से 2022 के दौरान सबसे अमीर लोगों की आय में जहां इजाफा हुआ तो वहीं मध्यम वर्ग की लोगों की आय घट गई।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ वर्ष 2013-14 से 2021-22 के आयकर रिटर्न के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के मुख्य मुद्दों में से एक की पुष्टि होती है। बढ़ती आय असमानता का मुद्दा यात्रा के मुख्य मुद्दों में से एक था। मोदी सरकार में सबसे अमीर लोगों और मध्यम वर्ग के बीच बढ़ती खाई स्पष्ट रूप से नज़र आ रही है।’’

उन्होंने दावा किया कि 2013-14 में शीर्ष के एक प्रतिशत आयकरदाताओं की कमाई कुल आय का 17 प्रतिशत थी जो 2021-22 तक कुल आय का 23 प्रतिशत हो गई।

रमेश ने कहा, ‘‘इसके अलावा, सबसे अमीर लोगों की आय में बढ़ोतरी भी मध्यम वर्ग की तुलना में बहुत तेज़ी से हुई है। शीर्ष के एक प्रतिशत आयकरदाताओं की आय में 2013-14 से 2021-22 तक साल-दर-साल 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। यह निम्न वर्ग वाले 25 प्रतिशत आयकरदाताओं की आय की तुलना में 60 प्रतिशत ज़्यादा तेज़ है।’’

उनके अनुसार, ‘‘वास्तव में मुद्रास्फीति के लिए समायोजन के बाद निम्न वर्ग वाले 25 प्रतिशत आयकरदाताओं की वास्तविक आय 2019 की तुलना में 2022 में घट गई है। 25 प्रतिशत सबसे निम्न वर्ग वालों की सकल आय 11 प्रतिशत घटी है। इनकी आय वित्त वर्ष 2019 में 3.8 लाख करोड़ रुपये थी जो घटकर वित्त वर्ष 2022 में 3.4 लाख करोड़ रुपये रह गई। इसी बीच, शीर्ष के एक प्रतिशत की वास्तविक आय वित्त वर्ष 2019 में 7.9 लाख करोड़ रुपये से 30 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2022 में 10.2 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई।’’

रमेश ने आरोप लगाया, ‘‘आंकड़े झूठ नहीं बोलते, सिर्फ़ प्रधानमंत्री झूठ बोलते हैं।’’










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