उप्र में एक अप्रैल से संचारी रोग नियंत्रण महा अभियान चलाया जाएगा

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश सरकार संचारी रोगों से बचाव के लिए एक अप्रैल से एक विशेष महा अभियान चलाएगी। राज्य के 12 विभागों के तालमेल से चलाए जाने वाले इस कार्यक्रम की कार्य योजना तैयार कर ली गई है।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

संचारी रोग नियंत्रण महा अभियान
संचारी रोग नियंत्रण महा अभियान


लखनऊ:उत्तर प्रदेश सरकार संचारी रोगों से बचाव के लिए एक अप्रैल से एक विशेष महा अभियान चलाएगी। राज्य के 12 विभागों के तालमेल से चलाए जाने वाले इस कार्यक्रम की कार्य योजना तैयार कर ली गई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को बताया कि राज्य सरकार इंसेफेलाइटिस, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और कालाजार जैसी संक्रामक बीमारियों के खिलाफ सभी 75 जिलों में यह एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक विशेष महाभियान चलायेगी।

प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में इस सिलसिले में अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से कहा है कि वह संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव के साथ समन्वय बैठक करें और संचारी रोग नियंत्रण अभियान की तैयारियों का जायजा लें, साथ ही जनसहभागिता के साथ इस अभियान को आगे बढ़ाएं।

प्रवक्ता के मुताबिक सरकार 17 से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान के माध्यम से जल जनित बीमारियों को दूर करने के लिए भी काम करेगी। उनका कहना था कि स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में चलाए जाने वाले दोनों अभियानों को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। राज्य के 12 विभागों के समन्वय से चलाए जाने वाले इन अभियानों को लेकर कार्य योजना बना ली गई है।उनके अनुसार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक साथ चलाए जाने वाले इस अभियान के तहत विभिन्न तरह की गतिविधियां होंगी।

अधिकारी ने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में साफ-सफाई एवं जलभराव निस्तारण की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में रोगों से बचाव तथा रोकथाम के लिए जागरूकता से संबंधित गतिविधियां अयोजित की जाएंगी।

प्रशासन का कहना है कि दस्तक अभियान के तहत मेडिकल टीमें घर-घर जाकर संक्रामक रोगों से ग्रस्त मरीजों की पहचान करेंगी। उसके मुताबिक इस टीम में आशा कार्यकर्ता के साथ-साथ स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल रहेंगे। टीम की मदद से रोगियों को चिन्हित कर उन्हें दवा दी जाएगी और जरूरी होने पर अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।

 










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