सीओएआई ने ओटीटी सेवाप्रदाताओं से ‘प्रयोग शुल्क’ की मांग को जायज ठहराया

डीएन ब्यूरो

राजस्व में हिस्सेदारी को लेकर बहस के बीच सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने सोमवार को कहा कि नेटवर्क देकर ओटीटी संचार सेवा प्रदाताओं से उचित ‘प्रयोग शुल्क’ की दूरसंचार परिचालकों की मांग ‘उचित और तर्कसंगत’ है और इससे वे अर्थव्यवस्था में सहयोग भी दे सकेंगे। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: राजस्व में हिस्सेदारी को लेकर बहस के बीच सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने सोमवार को कहा कि नेटवर्क देकर ओटीटी संचार सेवा प्रदाताओं से उचित ‘प्रयोग शुल्क’ की दूरसंचार परिचालकों की मांग ‘उचित और तर्कसंगत’ है और इससे वे अर्थव्यवस्था में सहयोग भी दे सकेंगे।

डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, इससे कुछ ही दिन पहले भारतीय इंटरनेट और मोबाइल संघ (आईएएमएआई) ने जोर देकर कहा था कि राजस्व में हिस्सेदारी की मांग इंटरनेट निरपेक्षता (नेट न्यूट्रेलिटी) का परोक्ष रूप से उल्लंघन है। इसके जवाब में सीओएएआई ने इसे भ्रामक बताया है।

सीओएआई के महानिदेशक एसपी कोचर ने आईएएमएआई का नाम लिए बिना कहा, “कुछ संस्थाएं स्वार्थ के तहत भ्रामक तरीके से इंटरनेट निरपेक्ष ओटीटी के लिए नियामकीय ढांचे की जरूरत और उपयोग शुल्क के मुद्दे को गलत बता रही हैं।”

सीओएआई दूरसंचार कंपनियों का संगठन और इसके सदस्यों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया शामिल हैं।

सीओएआई ने जोर देकर कहा कि उसके सभी सदस्य दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) इंटरनेट निरपेक्षता नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।










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