मुख्यमंत्री ने मनोज टिबड़ेवाल को लोक भवन में बुलाकर दिया था न्याय का भरोसा
भारत सरकार के मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश के दो-मंजिला पैतृक रिहायशी मकान को सामान सहित भूकंप की तरह जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय ने गैरकानूनी तरीके से बुलडोजरों से जबरन गिरवा दिया था। इसके बाद सीएम ने 25 सितंबर को दोबारा मनोज को लखनऊ स्थित लोक भवन में बुलाया और सम्पूर्ण न्याय का भरोसा दिया था। पूरी खबर..
लखनऊ: बिना नोटिस, बिना मुआवजा और बिना अधिग्रहण के महराजगंज जिला मुख्यालय पर स्थित भारत सरकार के मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश के दो-मंजिला पुश्तैनी रिहायशी मकान व दुकानों को सामान सहित भूकंप की तरह जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय ने गैरकानूनी तरीके से बुलडोजरों से बीते 13 सितंबर को ज़मीदोज करा दिया था।
इस मामले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से 17 सितंबर को गोरखनाथ मंदिर में पहली बार मनोज टिबड़ेवाल ने मुलाकात की थी और अपने साथ हुए बर्बर अत्याचार की जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पास में खड़े गोरखपुर के मंडलायुक्त से तेज स्वर में पूछा कि "मकान गिराया है तो मुआवजा क्यों नहीं दिया? मुझे पूरी रिपोर्ट दीजिये"
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सीएम से इस मुलाकात के बाद भी गोरखपुर मंडल के प्रशासन का रवैया बेहद निराशाजनक रहा और मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर सीएम के मूड को समझने में नाकाम रहे। असम-मेघालय (AM:2003) के नार्थ-ईस्ट के राज्यों से प्रतिनियुक्ति पर आये मंडलायुक्त न जाने किस स्वार्थ में डीएम को बचाने की हर संभव कोशिशों में जुटे रहे? यह गंभीर जांच का विषय है।
इसके बाद मनोज को दोबारा मुख्यमंत्री कार्यालय से 25 सितंबर को शाम 6 बजे लोकभवन में अलग से मिलने के लिए बुलाया गया। यहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मनोज ने सिलसिलेवार तरीके से तथ्यों, फोटोग्राफों और वीडियो के साथ अपने और परिवार पर मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाते हुए किये डीएम के जुल्म की अनकही दास्तां बतायी गयी।
जिसे सुनने के बाद सीएम ने कहा- "आप बिल्कुल परेशान मत होइये, आपको सम्पूर्ण न्याय मिलेगा"
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चारा घोटाले के भ्रष्टाचारी निलंबित आईएएस अमरनाथ उपाध्याय को आज सीएम योगी ने जमकर किया बेइज्जत
इधर आज एकाएक करीब साढ़े बारह बजे यह खबर वायरल हुई कि सीएम ने भ्रष्टाचार व अनियमितता के आरोपों में महराजगंज के डीएम अमरनाथ उपाध्याय को निलंबित कर दिया है और इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज का आदेश दिया है। यही नही विभागीय जांच के आदेश भी जारी कर दिये गये हैं तो हर कोई हैरान हो गया कि अचानक ये कैसे हो गया? कल तक मुलाकात करने आने वालों को अहंकार में चूर यह प्रमोटेड डीएम सीएम के साथ अपने बेहतर संबंधों की डींगें हांकते नहीं थकते थे और एक झटके में इनके ऊपर सीएम ने अपनी बिजली गिरा दी। आखिर कैसे डीएम का काम तमाम हो गया? हर कोई यह जानने को उतावला हो उठा?
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हैरान करने वाली एक बात और थी, अमूमन जब कोई डीएम सस्पेंड होता है तो राज्य सूचना विभाग से सिर्फ प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाती है लेकिन इस मामले में सीएम के निर्देश पर खुद राज्य के सबसे बड़े नौकरशाह यानि मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी मीडिया के सामने आये और प्रेस वार्ता कर अमरनाथ उपाध्याय के सस्पेंशन का ऐलान किया।
पीसीएस से प्रमोशन पाकर आईएएस बने अमरनाथ को पहली बार किसी जिले का डीएम बनाया गया और ये पहले ही चार्ज में भ्रष्टाचार की दलदल में समा गये।
डाइनामाइट न्यूज़ के महराजगंज संवाददाता के मुताबिक अहंकारी जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय को यह मुगालता था कि भाजपा के जिले स्तर के दो नेताओं के संरक्षण में ये किसी भी गैरकानूनी कार्यों को अंजाम देते रहेंगे और सीएम उनका कुछ भी नहीं बिगाड़ पायेंगे? यही मुगालता डीएम को ले डूबा। सीएम पांच बार गोरखपुर के सांसद रहे और श्यामदेउरवा विधानसभा महराजगंज जिले से जुड़ी थी। सीएम जिले के हर एक नेता के काले-कारनामों से अच्छी तरह से वाकिफ हैं।
अमरनाथ के दामन पर भ्रष्टाचार के अनगिनत छींटे हैं। चर्चाओं के मुताबिक डीएम का एक बेहद खास राजदार है और उनके हर एक सरकारी पाप का भागी डीएम के कैंप कार्यालय पर बैठने वाला एक बाबू है। चर्चा है कि बीसों साल से हर एक डीएम के साथ एक ही पद पर कोर्ट के आदेश के सहारे कुंडली मारे बैठे इस बाबू और डीएम ने मिलकर जिले को जमकर लूटा है।
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नौतनवा तहसील में गेहूं क्रय केन्द्रों पर अनियमितता के आरोपों के बाद पहले तो क्रय केन्द्र सील कर दिये जाते हैं और फिर करोड़ों रुपये की गेहूं रहस्यमय तरीके से गायब करा दी जाती है। घुघुली नगर पंचायत के सरकारी धन को गैरकानूनी तरीके से एनएच के कामों में अमरनाथ ने खर्च करा दिया।
डीएम के भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा खुलासा किया महराजगंज के फरेन्दा इलाके के निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता अनिल सिंह ने। इन्होंने अपने फेसबुक पर अमरनाथ के भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए लिखा कि जब ये 1997 के दौर में नौतनवा के एसडीएम थे तब ये अपने मातहत लेखपालों से दस और बीस रुपये की सब्जियां मंगवा कर खाते थे।
दूसरों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले और खुद भ्रष्टाचार के दलदल में सिर से लेकर पैर तक डूबे प्रमोटेड आईएएस अमरनाथ उपाध्याय के बुरे दिन अब शुरु हो गये हैं..