चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की सराहना की, जानिये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने उच्चतम न्यायालय के निवर्तमान न्यायाधीश कृष्ण मुरारी की शुक्रवार को सराहना करते हुए उन्हें शांति की प्रतिमूर्ति बताया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने उच्चतम न्यायालय के निवर्तमान न्यायाधीश कृष्ण मुरारी की शुक्रवार को सराहना करते हुए उन्हें शांति की प्रतिमूर्ति बताया।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायमूर्ति मुरारी शीर्ष अदालत के बहुत लोकप्रिय सदस्य हैं।

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति मुरारी के अंतिम कार्य दिवस पर उन्हें विदाई देने के लिए एक रस्मी पीठ की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने उन्हें एक मूल्यवान मित्र बताया। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि वह न्यायमूर्ति मुरारी को वह तब से जानते हैं जब वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीश थे।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति मुरारी शांत स्वभाव के व्यक्ति हैं और उन्होंने कभी अपना आपा नहीं खोया। उनकी पत्नी भी जानती हैं कि वह भारत के सर्वोच्च न्यायालय के एक बहुत लोकप्रिय सदस्य हैं। मैं उन्हें और उनके परिवार को शुभकामनाएं देता हूं।’’

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अपने अंतिम कार्य दिवस पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए न्यायमूर्ति मुरारी ने कहा कि शीर्ष अदालत में आना एक शानदार अनुभव रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि मैं अब उन गलियारों में नहीं चल पाऊंगा, जिनमें मैं चार दशक से चल रहा हूं, यह थोड़ा निराशाजनक है। लेकिन जो कुछ भी शुरू होता है, उसका अंत भी निश्चित होता है। मैं आपकी शुभकामनाओं के लिए आप सभी को धन्यवाद देता हूं। मैं यहां चार दशक से हूं, लगभग 19 साल मैंने पीठ में बिताए, अलविदा कहना भारी लगता है।'

न्यायमूर्ति मुरारी ने अपना भाषण इन पंक्तियों के साथ समाप्त किया 'हमारे बाद अब महफिल में अफसाने बयां होंगे, बहारें हमको ढूंढेगी, न जाने हम कहां होंगे'।

न्यायमूर्ति मुरारी का जन्म नौ जुलाई, 1958 को हुआ था और वह 23 दिसंबर, 1981 को एक वकील के रूप में नामांकित हुए थे।

उन्होंने सिविल, संवैधानिक, कंपनी, सेवा और राजस्व मामलों में 22 वर्ष से अधिक समय तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस की।

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न्यायमूर्ति मुरारी को सात जनवरी, 2004 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में और 18 अगस्त, 2005 को अदालत के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

उन्होंने दो जून, 2018 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाला। न्यायमूर्ति मुरारी को 23 सितंबर, 2019 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।










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