Chaiti Chhath Puja : आज से शुरू हुई चैती छठ, जानिये खरना से पारन की पूरी डिटेल
चैत्र नवरात्र पर देवी दुर्गा की पूजा और रामनवमी को लेकर चल रही तैयारियों के बीच चैती छठ आज से शुरू हो गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट

Chaiti Chhath Puja : छठ पूजा का महापर्व, खास तौर पर चैती छठ, भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है। यह पर्व खास तौर पर अपने मौसम और धार्मिक महत्व के लिए मशहूर है। चैती छठ, कार्तिक महीने में मनाए जाने वाले छठ पर्व जितना ही महत्वपूर्ण है। इस पवित्र अनुष्ठान में विशेष पूजा-अर्चना होती है, लेकिन इसकी खासियत यह है कि इसे मनाने के लिए किसी पंडित या पुरोहित की जरूरत नहीं होती और न ही इसमें कोई विशेष मंत्रोच्चार किया जाता है।
डायनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, चार दिवसीय चैती छठ अनुष्ठान आज से शुरू हो गया है। इस महापर्व के पहले दिन को "नहाय-खाय" कहा जाता है। इस दिन श्रद्धालु नदी में स्नान, ध्यान और पूजा-अर्चना कर अपने घर लौटते हैं, जहां वे प्रसाद के रूप में भोजन ग्रहण करते हैं। व्रतियों के लिए यह दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
यह भी पढ़ें |
बिहार में बेखौफ बदमाश! फिर दिया बड़ी घटना को अंजाम; जानें पूरा मामला
नहाय-खाय का महत्व
आज सुबह से ही गंगा नदी के तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। लोग श्रद्धा और आस्था के साथ नदी में स्नान कर अपने अंतःकरण और अंतःकरण को शुद्ध करते हैं और इस पवित्र जल को लेकर घर लौटते हैं। आज का प्रसाद खास तौर पर अरवा चावल, सेंधा नमक के साथ बनी चने की दाल, लौकी की सब्जी और आंवले की चटनी के रूप में खाया जा रहा है।
यह भी पढ़ें |
Bihar News : बिहार में पति की दिल दहला देने वाली करतूत, मामला जान कांप जाएगी रूह
खरना का पर्व
बुधवार को खरना मनाया जाएगा, जिसमें सभी श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे के निर्जला व्रत का संकल्प लेंगे। यह व्रत न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक शुद्धता के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। गुरुवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, जो इस अनुष्ठान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बाद शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इस महापर्व का समापन होगा। यह त्यौहार विशेष रूप से महिलाओं द्वारा आयोजित किया जाता है, जो अपने परिवार की सुख, शांति और समृद्धि के लिए इस अनुष्ठान में भाग लेती हैं।