Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि के तीसरे दिन ऐसे करें मां चंद्रघंटा पूजा, जानिए पूरा विधि-विधान
चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए पूजा को विधि-विधान से करना चाहिए। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में पढ़िए मां चंद्रघंटा पूजा का विधि-विधान और मंत्र
नई दिल्ली: चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा का जाती है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, मां दुर्गा का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घण्टे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण देवी का नाम चंद्रघण्टा पड़ा है।
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि
चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ-कपड़े पहन लें। इसके बाद घर के मंदिर में मां चंद्रघंटा की प्रतीमा के सामने घी का दीपक जलाएं। मां को रोली, अक्षत, फल, फूल अर्पित करें. इसके बाद मां चंद्रघंटा की आरती करें और मंत्रों का जाप करें।
इसके बाद माता रानी को भोग लगाएं. इस भोग को परिवार के सदस्यों में प्रसाद के रूप में बांट दें।
मां चंद्रघंटा के मंत्र
1. या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।। पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
2. ऐं श्रीं शक्तयै नम:
3. ऊँ देवी चंद्रघण्टायै नमः
इन मंत्रों का 108 बार जाप करने से मां चंद्रघंटा की विशेष कृपा होती है और जीवन के सारे दुखों से निवारण मिलता है।