कृषि एवं उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र-राज्य ने जुटाई कई सुविधाएं
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि फसल विविधीकरण आज की महत्वपूर्ण जरूरत है तथा माघ प्रदेश में कृषि एवं उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने अनेक सुविधाएं जुटाईं हैं, जिनमें उद्यानिकी का क्षेत्रीय कार्यालय, टिश्यू कल्चर लैब, फ्लोरिकल्चर गार्डन तथा राज्य स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र अहम् है।
नयी दिल्ली: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि फसल विविधीकरण आज की महत्वपूर्ण जरूरत है तथा माघ प्रदेश में कृषि एवं उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने अनेक सुविधाएं जुटाईं हैं, जिनमें उद्यानिकी का क्षेत्रीय कार्यालय, टिश्यू कल्चर लैब, फ्लोरिकल्चर गार्डन तथा राज्य स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र अहम् है।
तोमर ने दिल्ली से वर्चुअल संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयत्नों से पूरे प्रदेश में कृषि व उद्यानिकी क्षेत्र तथा किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है और मध्य प्रदेश आज अग्रणी भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री की हमेशा यहीं इच्छा रहती है कि किसान आगे बढ़े, उनकी आमदनी बढ़े, बिचौलियों की समाप्ति हो और कृषि समृद्ध हो ताकि किसानों का योगदान देश के नवनिर्माण में हो सकें। पिछले सात साल में केंद्र सरकार ने कई अभिनव योजनाओं का सृजन किया और उन्हें भली-भांति क्रियान्वित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की योजना में साढ़े 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को 1.82 लाख करोड़ रुपए सीधे उनके बैंक खातों में पारदर्शिता से पहुंचाए गए, जिसमें एक रूपए की भी अमानत में खयानत में नहीं हुई, यह अत्यंत महत्वपूर्ण-ऐतिहासिक बात है।
तोमर ने कहा कि देश में 86 प्रतिशत छोटे किसान है, उन्हें ताकत देने की दृष्टि से 6,865 करोड़ रुपए. खर्च कर 10 हजार नए एफपीओ बनाने जा रहे हैं। छोटे-छोटे रकबे के किसान बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर एफपीओ बनाते हैं तो केंद्र सरकार उन्हें बीज से लेकर बाजार की उपलब्धता तक के लिए पूरी सहायता देती है, ताकि उन्हें उनकी उपज के वाजिब दाम मिल सकें। किसान एफपीओ के जरिये प्रोसेसिंग भी कर सकते हैं, जिसके लिए दो करोड़ रुपए तक लोन मिल सकता है, जिस पर ब्याज की सब्सिडी व बिना गारंटी के लोन से किसान आगे बढ़ने का रास्ता तय कर सकते हैं। गांवों में वेयर हाऊस, कोल्ड स्टोरेज आदि साधन-सुविधाएं जुटाने के लिए कृषि व समबद्ध क्षेत्रों हेतु प्रधानमंत्री ने डेढ़ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के विशेष पैकेज दिए है।
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इनमें एक लाख करोड़ रुपए का एग्रीकल्चर इंफ्रा फंड भी है, जिसका उपयोग मध्य प्रदेश सरकार अच्छे से कर रही है तथा राज्य के लिए केंद्र और भी पैसा देने को तैयार है।
तोमर ने कहा कि उद्यानिकी में भी केंद्र सरकार राज्य शासन के माध्यम से काम कर रही है। फसल विविधीकरण आज की महत्वपूर्ण जरूरत है। सरकार उद्यानिकी रकबे को बढ़ाना, किसानों को मदद देना चाहती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कोरोना काल में हल्दी की मांग बढ़ी है, हल्दी जैसी उपज उगाने में किसानों को ज्यादा आय हो सकती है, साथ ही हम दुनिया को आपूर्ति कर सकेंगे।
तोमर ने कहा कि किसान अपनी खेती की लागत कम करें, केमिकल से आर्गेनिक खेती की तरफ बढ़े, टेक्नालाजी का उपयोग करें, इन सबसे फसलों की गुणवत्ता बढ़ेगी, उत्पादन व उत्पादकता बढ़ेगी, किसानों की आय बढ़ेगी और निर्यात भी बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि पशुओं से खेतों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए हमने तार फेंसिंग की सुविधा का प्रावधान आरकेवीवाई में जोड़ दिया है। धरती पर सभी चीजों की उपयोगिता है वहीं ये एक-दूसरे की पूरक है। गायों का उपयोग प्राकृतिक खेती के लिए करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इससे खेती की लागत बहुत कम हो जाएगी व उपज सामान्य से कहीं ज्यादा दाम पर बिक सकेगी। प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को बाजार से कुछ खरीदना नहीं है बल्कि बिना पैसे के किसान अच्छा उत्पादन कर महंगे दाम पर बेच सकते हैं।
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कृषि मंत्री ने कहा कि कल ही इंदौर में बायो सीएनजी प्लांट का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया, जिससे रोजगार भी सृजित होंगे व आय से नगर निगम को मदद भी मिल सकेगी। ग्वालियर में उद्यानिकी के क्षेत्रीय कार्यालय का शुभारंभ किया है, जिससे प्रोजेक्ट वहीं मंजूर हो सकेंगे। मुरैना के नूराबाद में मेनरोड पर ही इजराइल के सहयोग से उत्कृष्टता केंद्र बनाया जा रहा है, जिसका काम जल्द पूरा होगा, इसके माध्यम से टेक्नालाजी व अन्य सहयोग मिलेगा, जिससे दिन-दूनी रात चौगुनी प्रगति होगी। एक जिला- एक उत्पाद योजना का भी लाभ किसानों को लेना चाहिए व स्थानीय उत्पादों पर गर्व होना चाहिए, तो बाजार ढूंढने नहीं जाना पड़ेगा, बाजार खुद-ब-खुद पास आएगा। ग्वालियर में टिश्यू कल्चर लैब व फ्लोरिकल्चर गार्डन के माध्यम से भी कृषि-उद्यानिकी क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा तथा अंचल के किसानों को लाभ होगा। इसी तरह राज्य स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र भी बनाया ज रहा है।
तोमर ने कहा कि प्रशिक्षण-सत्र में किसान रस्म पूरी नहीं करें बल्कि सीखे व अपनी शंकाओं का समाधान करें। कोशिश यह होना चाहिए कि खुद सीखने के साथ ही दूसरों को भी जाकर सिखाएं, जिससे ज्यादा रकबा होगा तो मार्केट आपकी तरफ आएगा।(वार्ता)