PM-eBus सेवा योजना को केंद्र की मंजूरी, अलॉट हुए इतने करोड़ रूपए, पढ़ें पूरी डिटेल

डीएन ब्यूरो

सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल (एसएमईवी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि पीएम ई-बस सेवा योजना शहरी केंद्रों में बिजलीचालित वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए ‘उत्प्रेरक’ के तौर पर काम करेगी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल (एसएमईवी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि पीएम ई-बस सेवा योजना शहरी केंद्रों में बिजलीचालित वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए ‘उत्प्रेरक’ के तौर पर काम करेगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा, “बसें शहरी प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत हैं और इस निर्णय से प्रदूषण के स्तर और उससे होने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम करने में काफी मदद मिलेगी।”

उन्होंने कहा, “इसके अलावा, यह रणनीतिक कदम विभिन्न शहरी केंद्रों में ईवी को बढ़ावा देने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने के लिए तैयार है, जिससे इलेक्ट्रिक परिवहन की स्वीकार्यता और व्यापक हो सकेगी।’’

उन्होंने कहा कि इस पहल में प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने और मौजूदा संसाधनों को बेहतर बनाने में मदद करने की क्षमता है।

गिल ने कहा कि यह भारत को आत्मनिर्भरता, पर्यावरणीय प्रबंधन और ईवी के केंद्र के रूप में स्थापित करने की ओर ले जाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा, “दोपहिया वाहन परिवहन का उपयोग जनता द्वारा किया जाता है और इसका विद्युतीकरण भारत के ईवी मिशन में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन सकता है।”

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘पीएम ई-बस सेवा’ योजना को मंजूरी दी, जिसके तहत सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत 169 शहरों को 10,000 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी।

इस योजना की अनुमानित लागत 57,613 करोड़ रुपये है, जिसमें से 20,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी और शेष खर्च राज्यों द्वारा वहन किया जाएगा। यह योजना 10 साल तक बस परिचालन में सहयोग देगी।










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