CBI विवाद: आलोक वर्मा के वकील की सुप्रीम कोर्ट में दलील, छुट्टी पर भेजे जाने को बताया गलत

छुट्टी पर भेजे गये CBI के निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई शुरू हो गई है। इस पर वर्मा ने खुद को छुट्टी पर भेजे जाने को चुनौती दी है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें मामले में अब क्या आया नया मोड़

Updated : 29 November 2018, 1:50 PM IST
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नई दिल्लीः छुट्टी पर भेजे गये सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई शुरू हो गई है। वर्मा ने केंद्र सरकार द्वारा उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने को चुनौती दी है। वर्मा की तरफ से न्यायालय में वरिष्ठ वकील फली एस नरीमन पेश हुये हैं। उन्होंने अदालत में दलील देते हुये कहा कि सीबीआई प्रमुख को इस तरह से छुट्टी पर नहीं भेजा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में आलोक वर्मा के वकील ने कहा कि बिना नियुक्ति पैनल की मंजूरी से सीबीआई प्रमुख को नहीं हटाया जा सकता। 

उनके वकील नरीमन ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि सीबीआई निदेशक के पद की न्यूनतम अवधि होती है, जिसका ख्याल रखा जाना चाहिये। उन्होंने आगे कहा कि निदेशक के तबादले को उस चयन समिति द्वारा पास किया जाना चाहिये जिसने उसे चुना था।     

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छुट्टी पर भेजे गये CBI निदेशक अालोक वर्मा (फाइल फोटो)

 

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नरीमन ने बहस शुरू होते ही कहा कि संविधान का अनुच्छेद 19 सर्वोपरी है, ऐसी स्थिति में अदालत याचिका की सामग्री के प्रकाशन पर रोक नही लगा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर मैं कल रजिस्ट्री में कुछ पेश करता हूं तो इसका प्रकाशन किया जा सकता है। इस संबंध में नरीमन ने इसी मुद्दे पर शीर्ष अदालत के 2012 के फैसले का भी हवाला दिया। आलोक कुमार वर्मा ने अपनी दलील में कहा कि उनकी नियुक्ति दो साल के लिये की गई थी और इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता और ना ही तबादला किया जा सकता है।

Published : 
  • 29 November 2018, 1:50 PM IST

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