DN Exclusive: भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर के उतावलेपन से बिगड़ा मामला, पुलिस चूकी अपने मंसूबे में, आक्रोशित राकेश टिकैत किसान सहित डटे धरने पर

डीएन संवाददाता

हर कोई यह जानना और समझना चाह रहा है कि कल शाम भारी पुलिसिया जमावड़े के बीच राकेश टिकैत जब लगभग हार मान चुके थे और आंदोलन समाप्ति को तैयार थे, उनके भाई नरेश टिकैत ने भी मीडिया से बातचीत में कह दिया था कि वे आंदोलन समाप्त करने जा रहे हैं फिर अचानक ऐसा क्या हुआ, किस बात ने किसानों को दोबारा से मोर्चे पर डटे रहने का मौका दे दिया? इसी की पड़ताल करती डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट:



नई दिल्ली: हर कोई यह जानना और समझना चाह रहा है कि कल शाम भारी पुलिसिया जमावड़े के बीच राकेश टिकैत जब लगभग हार मान चुके थे और आंदोलन समाप्ति को तैयार थे, उनके भाई नरेश टिकैत ने भी मीडिया से बातचीत में कह दिया था कि वे आंदोलन समाप्त करने जा रहे हैं फिर अचानक ऐसा क्या हुआ, किस बात ने किसानों को दोबारा से मोर्चे पर डटे रहने का मौका दे दिया? 

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक जब पुलिस किसानों को नोटिस के बारे में बता रही थी, धारा 144 और 133 लगाये जाने की जानकारी दे रही थी, तभी तमाम किसान अपने तंबू-कनात उखाड़ कर वापस जाने की तैयारी में लग गये।

उसी दौरान बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ लोनी के भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर वहां पहुंच गये और जबरदस्त नारेबाजी किसानों के खिलाफ करने लगे।

उनके समर्थक प्रदर्शनकारी किसानों को देश द्रोही बताते हुए तेज-तेज नारेबाजी करने लगे पुलिस लठ बजाओ-लठ बजाओ

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इसके बाद यह सब देख राकेश टिकैत का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने मंच से ही इसका जबरदस्त विरोध किया और सवाल पूछा कि ये भाजपा विधायक यहां पर कैसे आय़ा और नारेबाजी कर किसानों को मारते-पीटते भगाने की बात कर रहा है? हम ऐसा नहीं होने देंगे।

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इसके बाद मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैत भावुक हो गये, उनकी आंखों से निकले आंसूओं ने जहां एक तरफ किसानों में नयी उर्जा भरी तो वहीं पर पुलिस के शांति से धरने को समाप्त कराने के मंसूबे पर भाजपा विधायक की करतूत ने पानी फेर दिया।










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