बंगाल अभ्यारण्य में प्रवासी पक्षियों की कम संख्या पर पक्षी निरीक्षकों ने जताई चिंता

डीएन ब्यूरो

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित बल्लवपुर वन्य अभ्यारण्य में इस साल प्रवासी पक्षियों की संख्या में आई काफी कमी पर प्रकृति प्रेमियों और पक्षी निरीक्षकों ने चिंता जताई है।

प्रवासी पक्षी
प्रवासी पक्षी


शांतिनिकेतन: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित बल्लवपुर वन्य अभ्यारण्य में इस साल प्रवासी पक्षियों की संख्या में आई काफी कमी पर प्रकृति प्रेमियों और पक्षी निरीक्षकों ने चिंता जताई है।

इनका दावा है कि वर्ष 2022 तक इस अभ्यारण्य में हजारों मेहमान पक्षी देखे जाते थे, लेकिन इस साल इन प्रवासी पक्षियों की संख्या में काफी कमी आई है।

दो वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्रफल में फैले इस अभ्यारण्य में तीन बड़ी झीलें (जल निकाय-एक, जल निकाय-दो और जल निकाय-तीन) हैं जिसे स्थानीय और प्रवासी पक्षी अपना ठिकाना बनाते हैं।

उन्होंने दावा किया कि कुछ विदेशी प्रजाति के पक्षी जल निकाय-दो में आए हैं, लेकिन इस साल जल निकाय-तीन में प्रवासी पक्षियों की संख्या में काफी कमी आई है।

कोलकाता निवासी पक्षी प्रेमी और एक ‘न्यूरो सर्जन’ संदीप चटर्जी अक्सर शांतिनिकेतन का दौरा करते हैं। चटर्जी ने कहा, ‘‘पिछले साल तक मेहमान पक्षी जल निकाय-एक में आते रहते थे, लेकिन इस साल मैंने वहां एक भी प्रवासी पक्षी नहीं देखा।’’

पिछले साल की पक्षी गणना के मुताबिक जल निकाय-एक में 47, जल निकाय-दो में 15765 और जल निकाय-तीन में 5311 प्रवासी पक्षी देखे गये थे। इस साल के पक्षियों की गणना की कवायद 23 जनवरी से शुरू की जाएगी।

चटर्जी ने प्रवासी पक्षियों की संख्या में कमी को ‘चिंताजनक’ बताया और इसके लिए झील में पानी के स्तर में कमी और अधिक संख्या में उगे खरपतवार पर ठीकरा फोड़ा।

बीरभूम स्थित सरकार से मान्यताप्राप्त वन्यजीव स्वयंसेवक दीनबंधु बिस्वास ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में मौजूदा साल के दौरान कम संख्या में प्रवासी पक्षियों के दिखने की बात सच है। आगंतुकों की आवाजाही, उनके वाहनों से उपजा शोरगुल और फोटो खींचने की आदत समेत अन्य कारणों से पक्षियों का जीवन अस्तव्यस्त हो गया है।’’

हालांकि, बोलपुर के वन क्षेत्र अधिकारी प्रदीप हल्दर ने झील में पानी के स्तर में कमी आने की बात से इनकार किया। हल्दर ने माना कि वाहनों के कारण उत्पन्न होने वाले ध्वनि प्रदूषण और यहां वाद्य यंत्रों के वादन ने पक्षियों को डराने का काम किया है।

यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों में ‘लेजर व्हिस्टलिंग्स’, ‘पिंटेल’ और ‘टील्स’ शामिल हैं। इस अभ्यारण्य में हिरण, काले मृग और सियार भी रहते हैं।










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