बिहार सरकार ने की पुराने वाहनों को स्क्रैप करने पर लंबित देनदारियों से छूट की पेशकश

डीएन ब्यूरो

बिहार सरकार ने राज्य में बढ़ते वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए मंगलवार को 15 साल से अधिक पुराने वाहनों पर लंबित देनदारियों को माफ करने की घोषणा की। इन वाहनों को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं (आरवीएसएफ) में स्क्रैप किया जाता है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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पटना: बिहार सरकार ने राज्य में बढ़ते वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए मंगलवार को 15 साल से अधिक पुराने वाहनों पर लंबित देनदारियों को माफ करने की घोषणा की। इन वाहनों को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं (आरवीएसएफ) में स्क्रैप किया जाता है ।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में इस आशय का निर्णय मंगलवार को यहां हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। यह प्रस्ताव राज्य परिवहन विभाग द्वारा कैबिनेट के समक्ष रखा गया था।

बिहार के मुख्य सचिव (सीएस) आमिर सुबहानी ने कैबिनेट बैठक के तुरंत बाद डाइनामाइट न्यूज़ से कहा, “कैबिनेट ने 15 साल से अधिक पुराने उन सरकारी वाहनों पर लंबित देनदारियों में 100 प्रतिशत छूट को मंजूरी दे दी है, जिन्हें आरवीएसएफ में स्क्रैप किया गया है ।’’

उन्होंने बताया, ‘‘वाणिज्यिक और गैर-व्यावसायिक वाहनों को करों में 90 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, वहीं उन पर लगाए गए जुर्माने को 100 प्रतिशत माफ कर दिया जाएगा। यह योजना केवल एक वर्ष के लिए वैध है।’’

उन्होंने कहा कि इस कदम से निश्चित रूप से राज्य में पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के राज्य सरकार के प्रयास में तेजी आएगी।

कैबिनेट ने राज्य सरकार के विभिन्न आयोगों और बोर्डों के अध्यक्ष और सदस्यों को दिए जाने वाले वेतन और भत्ते से संबंधित एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।

सुबहानी ने कहा, 'कैबिनेट ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिससे यह स्पष्ट है कि राज्य के विभिन्न आयोगों और बोर्डों के अध्यक्ष और सदस्यों को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अध्यक्ष और सदस्यों के समान वेतन और भत्ते मिलेंगे।'

इसके अलावा, कैबिनेट ने अनधिकृत रूप से कई वर्षों तक अपने कर्तव्यों से अनुपस्थित रहने पर राज्य के विभिन्न जिलों और अस्पतालों में तैनात तीन वरिष्ठ सरकारी चिकित्सकों को सेवा से बर्खास्त करने की भी मंजूरी दे दी।

सुबहानी ने कहा कहा, 'बर्खास्त किये गये चिकित्सकों में अशोक कुमार सिंह (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सिंघवलिया, गोपालगंज), रवि कुमार (जिला अस्पताल, कटिहार) और आनंद कुमार (रेफरल अस्पताल, गोपालगंज) शामिल हैं।'










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