यूपी की बड़ी खबर: 26 डॉक्टरों की बर्खास्तगी के आदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त एक्शन लेते हुए राज्य के 26 डॉक्टरों की बर्खास्तगी के आदेश जारी किये हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में जानिये आखिर क्या है वजह

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 2 September 2024, 8:13 PM IST
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government) सोमवार को एक सख्त एक्शन लेते हुए राज्य के 26 डॉक्टरों (Doctor) की बर्खास्तगी (Dismissal) के आदेश (Order) जारी किये हैं। इन डॉक्टरों पर ड्यूटी के प्रति लापरवाह (Negligence) बरतने समेत कई आरो है। सरकार की इस कार्रवाई से उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग (Health Department)और अन्य सरकारी चिकित्सकों में हड़कंप मचा हुआ है।  

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को लापरवाही के आरोप में इन सभी डॉक्टरों को बर्खास्त करने का निर्देश दिया है। सरकार का कहन है कि ये चिकितस्क ड्यूटी पर गैरहाजिर और कार्यों में लापरवाह मिले। 

इसके अलावा सरकार ने तीन चिकित्सकों की दो साल के लिए दो-दो वेतन वृद्धियां रोकीं गई गई हैं और एक को परनिंदा प्रविष्टि दी गई है।

बर्खास्त डॉक्टर इन जिलों के हैं
जिन डॉक्टरों पर सरकार ने ये एक्शन लिया है, उनमें बलिया, सिद्धार्थनगर,  मैनपुरी, जालौन, बरेली, ललितपुर बस्ती, रायबरेली, मथुरा, फिरोजाबाद, बहराइच, सहारनपुर और शाहजहांपुर के भी डॉक्टर शामिल हैं।

 इसके साथ ही, स्वास्थ्य महानिदेशालय में संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात डॉक्टर नीना वर्मा से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों की जांच की जाएगी। साथ ही, तीन डॉक्टरों की दो वर्षों के लिए वेतन वृद्धियां रोक दी गई हैं और एक डॉक्टर को परिनिंदा प्रविष्टि (वर्णात्मक नोट) दिया गया है। यह कदम स्वास्थ्य विभाग में अनुशासन और कर्तव्यों के प्रति सख्ती को दर्शाता है।

जनता को बेहतर सेवाएं देना सरकार की प्राथमिकता
यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लापरवाह कर्मचारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं आम जनता को उपलब्ध कराई जाएं।

डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि सभी नागरिकों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। इसलिए, स्वास्थ्य विभाग में किसी भी तरह की लापरवाही को सहन नहीं किया जाएगा।