बैंकों को एनबीएफसी के कर्ज देने के तरीकों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए: एसबीआई एमडी

डीएन ब्यूरो

बैंक जिन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को उधार देते हैं, उन्हें ऐसे एनबीएफसी के कर्ज देने के तरीकों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रबंध निदेशक सी एस शेट्टी ने यह बात कही।

भारतीय स्टेट बैंक (फाइल)
भारतीय स्टेट बैंक (फाइल)


मुंबई: बैंक जिन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को उधार देते हैं, उन्हें ऐसे एनबीएफसी के कर्ज देने के तरीकों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रबंध निदेशक सी एस शेट्टी ने यह बात कही।

उन्होंने कहा कि एनबीएफसी और सूक्ष्मवित्त संस्थानों (एमएफआई) को बड़े बैंकों की तरह ही जोखिम मूल्यांकन और ऋण निगरानी के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए।

गौरतलब है कि बैंक एनबीएफसी या एमएफआई को उधार देते हैं और आगे कर्ज देने की व्यवस्था उनकी होती है। ये संस्थान ऋण देने के लिए अपने वितरण और संग्रह तंत्र का इस्तेमाल करते हैं।

शेट्टी ने कहा, ''बैंक जिन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को उधार देते हैं, उन्हें ऐसे एनबीएफसी को कर्ज देने के तरीकों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। एनबीएफसी को बड़े बैंकों की तरह ही जोखिम मूल्यांकन और ऋण निगरानी के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए, जिनसे वे उधार लेते हैं।''

उन्होंने कहा कि बैंकों के कर्ज का एक अच्छा हिस्सा एनबीएफसी और एमएफआई को दिया जाता है, इसलिए जोखिम का अच्छी तरह आकलन करना चाहिए।

शेट्टी ने कहा कि एक बैंकर का काम जोखिम का आकलन करना, उसे कम करना और उसकी कीमत तय करना है।

उन्होंने यह भी कहा कि एसबीआई 65,000 व्यापार प्रतिनिधि के नेटवर्क को तेजी से बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहा है, बल्कि उन्हें अधिक सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

 










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