Success Mantra: लीक से हटकर जोखिम लिया, बन गये एक बड़े उद्यमी, पढ़िये युवा परमानंद की ये कहानी

डीएन ब्यूरो

लीक से हटकर कुछ करने में जोखिम तो है लेकिन इसके बिना इतिहास भी नहीं गढ़ा जा सकता। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

मशरूम प्लांट से लाखों की कमाई
मशरूम प्लांट से लाखों की कमाई


औरंगाबाद: लीक से हटकर कुछ करने में जोखिम तो है लेकिन इसके बिना इतिहास भी नहीं गढ़ा जा सकता। शायद, इसी मंत्र ने युवा परमानंद सिंह को साधारण से असाधारण उद्यमी में तब्दील कर दिया।

अपनी लगन, कड़ी मेहनत और जज़्बे से ज़िले के यारी गांव में मशरूम का प्लांट बिठाकर इस युवा उद्यमी ने न सिर्फ अपनी तकदीर की लकीर गहरी की, बल्कि युवाओं को रोजगार की दिशा में नई सोच विकसित करने को प्रेरित किया है।

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परमानंद सिंह का उद्यम ' न्यूट्री एग्रो फ्रेश ' सफलता की कहानी लिख रहा है। इससे आकर्षित होकर जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने हाल ही में इस छह करोड़ की मशरूम यूनिट का अवलोकन किया है।युवा उद्यमी परमानंद सिंह ने अपनी पांच वर्षों की मेहनत और क़रीब छह करोड़ की लागत से इस मशरूम यूनिट को तैयार किया है।

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आज हर महीने औसतन 45-50 मेट्रिक टन मशरूम का उत्पादन इस यूनिट से हो रहा है। परमानंद ने नौकरी करने की बजाय अपने अपने व्यवसायी पिता से कुछ अलग हटकर कुछ करें को सोचा, जिसका परिणाम यह मशरूम यूनिट है। वैसे, वह मूलतः उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले के रहने वाले हैं, लेकिन उनका जन्म औरंगाबाद में हुआ है।

उनके पिता वर्षों पहले यहां व्यवसाय करने के लिहाज़ से आए थे। इस क्रम में उन्होंने कई बीघा जमीन यहां खरीदी।इसी ज़मीन पर परमानंद सिंह ने न्यूट्री एग्रो फ्रेश नामक कंपनी स्थापित की है।मशरूम की यूनिट स्थापित करने में उनकी कई बार हिम्मत जवाब दे गयी।

लेकिन कहते हैं कि यदि मन में लगन हो तो मंजिल आसान हो जाती है। परमानंद ने भी मन में ठान लिया कि अब बड़े पैमाने पर मशरूम का उत्पादन करना है। इसके बाद फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और उनकी मेहनत रंग लाई।

आज बटन मशरूम से न सिर्फ उनकी अर्थ व्यवस्था को मजबूती मिली है, बल्कि सैकड़ों लोगों को यूनिट से रोजगार भी मुहैया करा रहे है। (वार्ता)










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