असम : अहोम योद्धा लचित बोरफुकन की जयंती पर श्रद्धांजलि दी गई

डीएन ब्यूरो

महान अहोम सैन्य कमांडर लचित बोरफुकन की 401वीं जयंती पर शुक्रवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी गई और शक्तिशाली मुगल सेना को हराने में उनकी वीरता को याद किया गया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

अहोम योद्धा लचित बोरफुकन की जयंती पर श्रद्धांजलि
अहोम योद्धा लचित बोरफुकन की जयंती पर श्रद्धांजलि


गुवाहाटी: महान अहोम सैन्य कमांडर लचित बोरफुकन की 401वीं जयंती पर शुक्रवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी गई और शक्तिशाली मुगल सेना को हराने में उनकी वीरता को याद किया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा समेत अन्य लोगों ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने अपने पोस्ट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

शाह ने लिखा, “लचित बोरफुकन जी की जयंती पर, मैं असम के इतिहास के सबसे महान योद्धा को शत-शत नमन करता हूं। अहोम जनरल लचित बोरफुकन जी ने असमिया योद्धाओं के अपेक्षाकृत छोटे दल के साथ औरंगजेब की विशाल सेना को धूल चटा दी थी।”

उन्होंने 'मातृभूमि की रक्षा के लिए हर समुदाय के असमिया लोगों को एकजुट करने' में बोरफुकन के 'बेजोड़ संगठनात्मक कौशल' का भी जिक्र किया।

शाह ने कहा, “बोरफुकन जी हमेशा प्रेरणा की एक अमिट ज्योत बने रहेंगे।” बोरफुकन को 1671 में ब्रह्मपुत्र पर 'सरायघाट की लड़ाई' में उनके नेतृत्व के लिए जाना जाता है। इस लड़ाई में राजा रामसिंह-प्रथम के नेतृत्व में शक्तिशाली मुगल सेना का असम को वापस लेने का प्रयास विफल हो गया था।

राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने ‘एक्स’ पर लिखा, “मैं अहोम जनरल की अनुकरणीय देशभक्ति और कर्तव्य के प्रति समर्पण को नमन करता हूं। प्रत्येक असमवासी को लचित के आदर्शों और देशभक्ति को समझना चाहिए और एक नए असम की नींव रखने में मदद करनी चाहिए।”

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ‘एक्स’ पर लिखा, “लचित बोरफुकन की विरासत हमें 'राष्ट्र प्रथम' के सिद्धांत को बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है और एक विकसित भारत की दिशा में हमारी यात्रा में एक मार्गदर्शक शक्ति बनी हुई है। लचित दिवस पर, हम प्रगति और विकास के इस युग के दौरान, राष्ट्र की सामूहिक स्मृति में उनका उचित स्थान सुरक्षित करने के मिशन के लिए खुद को प्रतिबद्ध करते हैं।”










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