अरविंद केजरीवाल का केंद्र सरकार पर हमला, जानिया क्या-क्या कहा

डीएन ब्यूरो

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश को सत्ता हथियाने का हथकंडा करार देते हुए बुधवार को कहा कि यह उच्चतम न्यायालय में टिक नहीं पाएगा और एकजुट विपक्ष इसे राज्यसभा में गिरा सकता है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश को सत्ता हथियाने का हथकंडा करार देते हुए बुधवार को कहा कि यह उच्चतम न्यायालय में टिक नहीं पाएगा और एकजुट विपक्ष इसे राज्यसभा में गिरा सकता है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी. राजा के साथ बैठक के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने व्यावहारिक रूप से पूरी दिल्ली सरकार को अपने कब्जे में ले लिया है।

आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के अनुसार, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), समाजवादी पार्टी (सपा), झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के बाद भाकपा ने भी केंद्र सरकार के “दिल्ली विरोधी काले कानून” के खिलाफ केजरीवाल के अभियान को अपना समर्थन दिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, केजरीवाल यह सुनिश्चित करने के लिए विपक्षी नेताओं से मिलते रहे हैं कि संबंधित विधेयक राज्यसभा में पारित न हो।

मुख्यमंत्री ने अध्यादेश को सत्ता हथियाने का ‘निर्लज्ज’ हथकंडा करार दिया और कहा कि इससे दिल्ली में तबाही मच जाएगी।

उन्होंने दावा किया कि अध्यादेश ने उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ के फैसले को पलट दिया है।

केजरीवाल ने कहा, “अगर हम इस अध्यादेश को एक पंक्ति में सारांशित करें, तो यह होगा, ‘अब से, अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं होंगे, दिल्ली के नए मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी होंगे और वे दिल्ली सरकार के बारे में सभी फैसले लेंगे।'

केजरीवाल ने कहा कि अध्यादेश 'न केवल दिल्ली के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए बहुत खतरनाक है'।

उन्होंने उम्मीद जताई कि अध्यादेश उच्चतम न्यायालाय और राज्यसभा में 'नहीं टिकेगा' और दिल्ली के लोगों को बहुत जल्द न्याय मिलेगा।










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