अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से बड़ी राहत, ईडी के विरोध के बावजूद पत्नी सुनीता को मिल गया ये विशेष अधिकार

डीएन ब्यूरो

दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने केजरीवाल की पत्नी सुनीता को उनका मेडिकल रिपोर्ट रखने की अनुमति दे दी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कोर्ट ने केजरीवाल की पत्नी सुनीता को उनके मेडिकल रिकॉर्ड देखने की अनुमति दी।
कोर्ट ने केजरीवाल की पत्नी सुनीता को उनके मेडिकल रिकॉर्ड देखने की अनुमति दी।


नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता को उनके मेडिकल रिकॉर्ड देखने की अनुमति दी और उन्हें स्वतंत्र रूप से उनकी ओर से मेडिकल बोर्ड या डॉक्टरों से सलाह लेने की भी अनुमति दी। हालांकि कोर्ट में ईडी ने केजरीवाल की इस डिमांड का विरोध किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने हालांकि केजरीवाल की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने जेल अधिकारियों को डॉक्टरों से परामर्श के दौरान सुनीता केजरीवाल को उनकी परिचारिका (अटेंडेंट) बनाने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की थी।

परिचारिका की अनुमति तब, जब कैदी अस्पताल में हों: कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया था और दिल्ली जेल नियमों के अनुसार, जेल अधीक्षक द्वारा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के परामर्श से विचाराधीन कैदी के साथ परिचारिका के रूप में परिवार के सदस्य को अनुमति तभी दी जाती है, जब कैदी अस्पताल में भर्ती हो।

अदालत ने कहा जेल नियमों के खिलाफ जाकर केजरीवाल के लिए अपवाद बनाने का कोई कारण नहीं दिखता, खासकर जेल अधिकारियों के इस तर्क को देखते हुए कि कई अन्य कैदी भी उनकी तरह ही बीमारी का इलाज करा रहे हैं और उन्हें किसी अटेंडेंट को रखने की अनुमति नहीं दी गई है।

मेडिकल रिकॉर्ड दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं: कोर्ट

केजरीवाल के अधिवक्ता ने कहा कि आवेदक की पत्नी के पास मेडिकल बोर्ड की सिफारिश के अनुसार आहार तैयार करने की विधि के बारे में कुछ प्रश्न हो सकते हैं, जिसके लिए उसे एम्स के डॉक्टरों या मेडिकल बोर्ड से परामर्श करने की आवश्यकता हो सकती है। इस पर अदालत ने कहा कि इस तरह के प्रश्न के मामले में, आवेदक की पत्नी स्वतंत्र रूप से संबंधित मेडिकल बोर्ड या डॉक्टरों से संपर्क कर सकती है।

केजरीवाल की पत्नी को उनके मेडिकल रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के संबंध में अदालत ने कहा कि जेल अधिकारियों को कोई आपत्ति नहीं है।










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