एम्स देगा पीएसयू के ठेकेदारों को इंजीनियरिंग कार्य करने का मौका, जानिये नई योजना के बारे में

डीएन ब्यूरो

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अपने अभियांत्रिकी अनुबंधों में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए ‘‘एमईएस’’, रेलवे और अन्य केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) के साथ सूचीबद्ध ठेकेदारों को निविदा प्रक्रिया में भाग लेने का मौका देने के लिए एक ज्ञापन जारी किया है। पढ़िए पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अपने अभियांत्रिकी अनुबंधों में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए ‘‘एमईएस’’, रेलवे और अन्य केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) के साथ सूचीबद्ध ठेकेदारों को निविदा प्रक्रिया में भाग लेने का मौका देने के लिए एक ज्ञापन जारी किया है।

यह ज्ञापन 27 अप्रैल को जारी किया गया। इसके मुताबिक, बोली लगाने वाले संभावित लोगों के बीच विश्वास बढ़ाने के लिए अभियांत्रिकी अनुबंध प्रणाली को भी संशोधित किया जाएगा। अभियंताओं की एक टीम अनुमान (एस्टीमेट) तैयार करेगी और निविदा को अंतिम रूप देगी जबकि दूसरी टीम अनुबंध के निष्पादन की निगरानी करेगी और ठेकेदारों को समय पर भुगतान करेगी।

इसमें कहा गया कि इससे प्रणाली में दोहरी जांच और दोहरी सतर्कता सुनिश्चित होगी।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने अपने ज्ञापन में कहा कि प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के साथ पंजीकृत ठेकेदारों के अलावा, सैन्य अभियंता सेवाएं (एमईएस), रेलवे और अन्य केंद्रीय पीएसयू के साथ पंजीकृत ठेकेदारों को भी निविदाओं में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी।

इसमें कहा गया है कि काम पूरा होने के बाद कनिष्ठ अभियंताओं द्वारा उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण दर्ज किया जाएगा और उपयोगकर्ता की संतुष्टि को रिकॉर्ड में दर्ज करने के बाद ही ठेकेदारों को अंतिम भुगतान किया जाएगा।










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